The Ganges
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क

East Kali River Water Keeper - Geographical Study of Kali River East

  • By
  • Raman Kant
  • August-23-2018

The Kali originates from the forest region in Antwada village in Jaansad tehsil of Muzafarnnagar district in form of a small stream, flowing for about 3 kms as clear waters. On the way to Khatauli – Mirapur road, black stenching waters of Khatauli sugar mill finds its way to the Kali.

 After 10 kms of its journey with black waters, it enters Meerut district. It passes Nagli aashram in Meerut district. The water here is quite dirty. It dries up on its way onwards.

 The dry river reaches another 10-15 kms towards Daurala – Lavad road where the drain of Daurala sugar mill flows into the dry river giving it black stanching but water for life. Passing Panwadi, Dhanju and Dedva villages, the river moves ahead of Meerut – Mawana road, where the drains of half a dozen paper mills of Saini, Phitkari and Rafen villages flow into the river.

The Kali
originates from the forest region in Antwada village in Jaansad tehsil of
Muzafarnnagar dis

Moving ahead to Meerut city, the river passes through Jaibheem nagar colony where PAC drain carrying the city wastes meets the river. This sewage also consists of wastes of Daurala Chemical plant and color factory.

 The river moves ahead carrying large quanity of wastage yet for 5 kms, the animal carscasses and bloody wastage of butcher house of Meerut nagar nigam is also dropped into the river. The river passes through Aadh, Kudhla, Kaul, Bhadoli and Atrara villages and flows about for 20 kms before entering Hapur district.

 Then passing through Hapur- Garh road, after 30 kms the river enters Bulandshar district. The sewage of bulandshahar city is also dumped into it. After about 50 kms, the river enters Aligarh district. The wastage of Aligarh distillery and butcher houses is dumped into the river. 

The Kali
originates from the forest region in Antwada village in Jaansad tehsil of
Muzafarnnagar dis

 As the river crosses Aligarh, the pollution level decreases. The first reason for it is the fresh river water which is added at the Harduaganj Bhudansi at Aligarh and second reason being no industrial waste being added between Aligarh and Kannauj where it meets Holy Ganga. From Aligarh, it flows towards Kaasganj. There is a spectacular view of rivers at Kaasganj.

 The Kali River flows from under another river on the bridge. This bridge was constructed in 18th century and is 200 mts long. From Kaasganj, the river flows into Eta district, from there to Farukkhabad and at the end to Kannauj district. At Kaasganj, Eta, Farrukhabad and Kannauj districts, no industry dumps its wastes in to the Kali and neither the city sewage is dumped into it.

 After Eta, the sewage of Gursaiganj township is dumped into Kali, but the the river water becomes clearer onwards. But, a drain is being constructed by Uttar Pradesh govt at Kannauj city, to carry and dump the sewage of the city into the river.

 The distance travelled between Kaasganj and Kannauj by the river is almost 150 kms. This length of river is far cleaner than the same length between Muzafarnnagar to Aligarh. When the Kali flows into Ganga at Kannauj, it becomes difficult to differentiate the Ganga and Kali waters.

 

Ad

Email or Message Us Directly.

Is this relevant to you? Leave a Message

Related Tags

Kali River East(6) East Kali River Water Keeper(28)

More

Raman River Rejuvenation Model

Raman River Rejuvenation Model

Raman River Rejuvenation Model WHY NEED THIS MODEL?The existence of small and rainy rivers in India is nearing its end. The new generation h...
गंगा नदी अपडेट - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

गंगा नदी अपडेट - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

हिमालय पर्वत, जिसे लूज रॉक की संज्ञा भी दी जा सकती है, एक ऊंची ढाल का सेडिमेंट्री पहाड़ है। यानि ग्लेशियर पर बढ़ता दबाव हिमालयी क्षेत्र में छो...
गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (137) : कर्म-अकर्म, क्रिया का प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया का क्रिया को बराबर समझना ज्ञान औ...
गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (136) : कर्म, अकर्म और विकर्म गीता की मानवीय ज्ञान-शक्ति के संबंध का विश्लेषण है. यही गंग...
गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (135): गंगा नदी के बालूक्षेत्र का तकनीकी उपयोग कोरोना वायरस से दूरी रखने का देश/विश्व स्त...
गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र : गंगा/नदी का बालूक्षेत्र वाराणसी सहित देश भर के कोरोना वायरस का सेनिटाइजर है. कृपया, देश रक्षार्थ इस...
Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Blog Source - Waterkeeper allianceMany people living close to the riverbanks in the Ganga Basin, including the Gomti River, believe that the...
गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

विश्व भर में कोरोना वायरस ने करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लिया हुआ है, लाखों इसके चलते दम तोड़ चुके हैं. भारत में भी कोरोना पीड़ितों की संख्य...
गंगा  नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

गंगा नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus ; MMITGM : (134) हे भोलेनाथ! गंगाजल का बैक्टीरियोफेज क्या गोमुख का जैनेटिक कैरक्टर है? और क्या यह को...
गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

नीर फाउंडेशन और पथिक सेना के नेतृत्व में मेरठ जिले के ऐतिहासिक खरकाली गंगा घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. संयुक्त रूप से चलाये गए इस स्वच...
गंगा नदी - पर्वतरूपी महादेव और प्रकृति रूपी गंगा के तत्व को जानना जरुरी है

गंगा नदी - पर्वतरूपी महादेव और प्रकृति रूपी गंगा के तत्व को जानना जरुरी है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (132) :आकाश के सहस्त्रों तारों से, संतुलित ब्रह्माण्ड के समस्त पिण्डों के कण-कण में न्यूट्र...
गंगा नदी - गांगेय शक्ति संरक्षण के आधार पर होना चाहिए कोरोना वायरस आपदा का समाधान

गंगा नदी - गांगेय शक्ति संरक्षण के आधार पर होना चाहिए कोरोना वायरस आपदा का समाधान

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (131)गुण-कर्म के आधार पर शुद्रता का परिचायक चतुर्थ वर्ण के कोरोना वायरस का उत्थान कर्म के त...
गंगा नदी - धार्मिक क्रियाकलापों से व्यक्ति में सकारात्मक शक्ति बढ़ती है, जो स्वास्थ्य को मजबूती देती है

गंगा नदी - धार्मिक क्रियाकलापों से व्यक्ति में सकारात्मक शक्ति बढ़ती है, जो स्वास्थ्य को मजबूती देती है

केन्द्र्स्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (130) : देवता की पूजा, हृदय चित्रपटल पर देव मूर्ति की फोटोग्राफी से शक्ति-संग्रह करना है...
गंगा नदी - संसार के समस्त पदार्थों-कार्यों के प्रति क्षण का स्वरूप उनमें होने वाले शक्ति और पदार्थों के अन्तः और वाह्य प्रवाह का अन्तर है

गंगा नदी - संसार के समस्त पदार्थों-कार्यों के प्रति क्षण का स्वरूप उनमें होने वाले शक्ति और पदार्थों के अन्तः और वाह्य प्रवाह का अन्तर है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (129) :सब ओर से जैसे भजना को तैसे भजना, समस्त क्रियाओं के तदनुरूप प्रतिक्रियों का होना, पाप...
गंगा नदी - राग, भय और क्रोध से मुक्ति तथा ईश्वर सत्ता को मानकर नदियों के हित को सर्वोपरि रखना आवश्यक है

गंगा नदी - राग, भय और क्रोध से मुक्ति तथा ईश्वर सत्ता को मानकर नदियों के हित को सर्वोपरि रखना आवश्यक है

केन्द्र्स्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (128 ) :राग, किसी चीज से बेतहाशा लगाव शक्तिक्षय कारक है. भय, शक्ति-तरंगों का एकाएक भीतर प्...
गंगा नदी - गंगा नदी के अत्याधिक दोहन और शोषण से उसके बैक्टेरियोफास का विनष्ट होना ही शरीर के विनष्टीकरण का कारण है

गंगा नदी - गंगा नदी के अत्याधिक दोहन और शोषण से उसके बैक्टेरियोफास का विनष्ट होना ही शरीर के विनष्टीकरण का कारण है

केन्द्र्स्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (127) :ब्रह्म-शरीर, ब्रह्माड से इसके भीतर के अवस्थित अनन्त शरीरे आपस में जुड़े हुए हैं. हमा...
गंगा नदी - कहीं पृथ्वी से लुप्त हो रहे प्राचीन योग की पुनर्स्थापना का एक प्रयास तो नहीं है कोरोना वायरस?

गंगा नदी - कहीं पृथ्वी से लुप्त हो रहे प्राचीन योग की पुनर्स्थापना का एक प्रयास तो नहीं है कोरोना वायरस?

सदियों से पृथ्वी लोक से लुप्त प्राय: हो रहे पुरातात्विक-योग की पुनर्स्थापना हेतु आया है कोरोना वायरस? हे भोलेनाथ ! मैं हूँ कौन? मेरे साथ हैं...
गंगा नदी - गंगा किनारे के शहरों में कोरोना संक्रमण का न्यूनतम होना गंगा जल में निहित बैक्टीरियोफ़ॉस है

गंगा नदी - गंगा किनारे के शहरों में कोरोना संक्रमण का न्यूनतम होना गंगा जल में निहित बैक्टीरियोफ़ॉस है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (122) गंगा किनारे के शहरों में कोरोना वायरस के संक्रमण का न्यूनतम होना गंगा की शक्ति का पटा...
गंगा नदी - हिमालय जल-वायु का रक्षक, नियंत्रणकर्ता एवं संचालक है

गंगा नदी - हिमालय जल-वायु का रक्षक, नियंत्रणकर्ता एवं संचालक है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (46) : हिमालयन-शिवलिंग के बहु स्वरूपिय जलधारी, भूतलीय बहुमूल्य खनिजों के खजानों में अवस्थ...
गंगा नदी - प्रकृति की प्रत्येक धरोहर ईश्वर समान है, उनका संरक्षण आवश्यक है

गंगा नदी - प्रकृति की प्रत्येक धरोहर ईश्वर समान है, उनका संरक्षण आवश्यक है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (44) : हे, पूर्णशांत, आनंदानंद में समस्त ऑर्बिटल के इलेक्ट्रॉन को कपकपाते अंतकरण में स्थ...
गंगा नदी - हिमालय का संरक्षित नहीं होना से गंगा सहित अन्य नदियों के संरक्षण पर भी खतरा है

गंगा नदी - हिमालय का संरक्षित नहीं होना से गंगा सहित अन्य नदियों के संरक्षण पर भी खतरा है

केन्द्रस्थ : Catching-hold of Nucleus : MMITGM : (43) :आप की पूजा क्यों, भोलेनाथ? क्या आप अन्नदाता, ज्ञानदाता-शक्तिदाता हैं? यदि हैं, तो कैस...
गंगा नदी - आवश्यक है इन गंगा आरोपों की जांच होना

गंगा नदी - आवश्यक है इन गंगा आरोपों की जांच होना

मातृ सदन (हरिद्वार) के गंगा तपस्वी श्री निगमानंद को अस्पताल में ज़हर देकर मारा गया। पर्यावरण इंजीनियर स्वामी श्री ज्ञानस्वरूप सानंद (सन्यास प...
गंगा नदी - पर्वतों की संतुलित अवस्था शिवत्व का परिचायक है (MMITGM : 41 व 42)

गंगा नदी - पर्वतों की संतुलित अवस्था शिवत्व का परिचायक है (MMITGM : 41 व 42)

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (41) ब्रह्म-मुख, पदार्थिय-शक्ति-प्रवाह-मार्ग वातावरण है। यही, ब्रह्म-रूप-धारी पंच-दिशाओं की...
गंगा नदी -  गंगा चुनौती की अनदेखी अनुचित

गंगा नदी - गंगा चुनौती की अनदेखी अनुचित

गंगा की अविरलता-निर्मलता के समक्ष हम नित नई चुनौतियां पेश करने में लगे हैं। अविरलता-निर्मलता के नाम पर खुद को धोखा देने में लगे हैं। घाट विक...
गंगा नदी - गंगा व हिमालय : पर्वत के रूप में हिमालय वातावरण का प्रतिपालक है

गंगा नदी - गंगा व हिमालय : पर्वत के रूप में हिमालय वातावरण का प्रतिपालक है

MMITGM : (41) : ब्रह्म-मुख, पदार्थिय, शक्तिपूर्ण, प्रवाह-मार्ग वातावरण है. यही ब्रह्म-रूपधारी, पंच-दिशाओं की, पंचमहाभूतों की प्रवाह-शक्ति का...
गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

गंगा संरक्षण आवश्यक, फिर गंगा बेसिन की सहायकों, जलाशयों, भूगर्भीय जल स्त्रोतों की अनदेखी क्यों?

भारत की आधी से अधिक जनसंख्या का पालन पोषण एक मां के समान करती है गंगा. प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष..हर देशवासी कहीं न कहीं इसी गंगत्त्व से जु...
गंगा नदी - हिमालय और गंगा जैसे प्राकृतिक संसाधनों का महत्त्व समझें (MMITGM : 39 व 40)

गंगा नदी - हिमालय और गंगा जैसे प्राकृतिक संसाधनों का महत्त्व समझें (MMITGM : 39 व 40)

MMITGM : (39) हे प्रचंड-आवेगों की विभिन्नता के शक्ति-तरंगों को अपने हृदयस्थ करने वाले हिमालयन-शिवलिंगाकार भोलेनाथ! आपने आकाश-मार्ग, पाताल-मा...
गंगा नदी - प्राकृतिक संपदा के संरक्षण के लिए हिमालय का संरक्षण होना आवश्यक है (MMITGM : 36 व 37)

गंगा नदी - प्राकृतिक संपदा के संरक्षण के लिए हिमालय का संरक्षण होना आवश्यक है (MMITGM : 36 व 37)

MMITGM : (36)हिमालयन-शिवलिंग के बदलते स्वरूप से, इसकी न्यून होते शक्ति-संतुलन से, तीव्र होता विश्व की आर्थिक सम्पदा विघटन और प्रचंड होती विश...
गंगा नदी - गंगा नदी संरक्षण का दससूत्रीय कार्यक्रम

गंगा नदी - गंगा नदी संरक्षण का दससूत्रीय कार्यक्रम

हिमालय तीन प्रमुख भारतीय नदियों का स्रोत है, यानि सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र. लगभग 2,525 किलोमीटर (किमी) तक बहने वाली गंगा भारत की सबसे लंबी...
गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता, गंगा और मानव-शरीर पर स्थान और समय के प्रभाव में समरूपता : अध्याय-3 (3.7)

गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता, गंगा और मानव-शरीर पर स्थान और समय के प्रभाव में समरूपता : अध्याय-3 (3.7)

जिस तरह विभिन्न क्षेत्रों, प्रांतों व देशों के लोग, विभिन्न शारीरिक एवं चारित्रिक गुणों के होते हैं, उसी तरह विभिन्न क्षेत्रों एवं देशों की ...
गंगा नदी - हिमालय पृथ्वी के वातावरण और जलवायु को निर्धारित करता है, यह वातावरण का कंट्रोलिंग पॉवर हाउस है. MMITGM : (34 व 35)

गंगा नदी - हिमालय पृथ्वी के वातावरण और जलवायु को निर्धारित करता है, यह वातावरण का कंट्रोलिंग पॉवर हाउस है. MMITGM : (34 व 35)

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (34) हिमालयन शिवलिंग भारत सहित समस्त पृथ्वी के वातावरण और जलवायु के पर्वतीय पावर मोनीटरिंग ...
गंगा नदी - एनजीसी की बैठक में लिया गया निर्णय – गंगा की सहायक नदियाँ भी की जाएंगी प्रदूषण मुक्त

गंगा नदी - एनजीसी की बैठक में लिया गया निर्णय – गंगा की सहायक नदियाँ भी की जाएंगी प्रदूषण मुक्त

नेशनल गंगा काउंसिल की प्रथम बैठक में प्रधानमंत्री माननीय मोदी ने कहा कि जिस प्रकार गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयास किए जा रहें हैं,...
गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर पर समय एवं स्थान के प्रभाव में समानता, अध्याय-3

गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर पर समय एवं स्थान के प्रभाव में समानता, अध्याय-3

बरसात के बाद गंगा का जल-स्तर, मिट्टी का आयतन, ऑक्सीजन की मात्रा, ऊर्जा तथा शरीर का आकार घटने लगता है. ऐसी स्थिति में भूमिगत जल जो बरसात में ...
गंगा नदी - पहाड़, शिव का जीवन्त-शरीर है (MMITGM : (31 व 32)

गंगा नदी - पहाड़, शिव का जीवन्त-शरीर है (MMITGM : (31 व 32)

कण-कण में, हर एक एटम में, एलेक्ट्रोन और प्रोटोन के बराबरी रूप से विराजमान न्यूट्रॉन, ब्रह्मांड को आच्छादित करने वाले, भगवान शिव से-हे भोलेना...
गंगा नदी - पहाड़ों और नदियों के संबंध को समझने के लिए जानना होगा पौराणिक-धार्मिक धाराओं को : MMITGM : (29 व 30)

गंगा नदी - पहाड़ों और नदियों के संबंध को समझने के लिए जानना होगा पौराणिक-धार्मिक धाराओं को : MMITGM : (29 व 30)

MMITGM : (29), पहाड़ शिवलिंग हैं - भगवान शिव से-हे भोलेनाथ! पहाड़ रूप महान स्थिर और केन्द्रस्थ, आप का शिवलिंग जड़ पाताल में कहाँ है पता नहीं. च...
गंगा नदी - नदियों का चारित्रिक गुण समझना होगा, गंगत्त्व में ही छिपा है हिंदुत्व (MMITGM : 27 व 28)

गंगा नदी - नदियों का चारित्रिक गुण समझना होगा, गंगत्त्व में ही छिपा है हिंदुत्व (MMITGM : 27 व 28)

MMITGM : (27) भगवान शिव से-हे भोलेनाथ! विश्व भर में पर्वतों के विभिन्न स्वरूपों को धारण करने वाले आप हैं. जैसे मानव शरीर में हृदय रक्त मस्ति...
गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता : MMITGM (31)

गंगा नदी - गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता : MMITGM (31)

मानव युवा-अवस्था में प्रदूषित भोजन, जल एवं वायु को बहुत हद तक अपने शरीर में व्यवस्थित करने का सामर्थ्य रखता है. उसी तरह गंगा की शक्ति बरसात ...
गंगा नदी - आणविक सिद्धांत का प्रदिपादन : MMITGM : (24 व 25)

गंगा नदी - आणविक सिद्धांत का प्रदिपादन : MMITGM : (24 व 25)

भगवान शिव से- हे भोलेनाथ! आज भगवान श्रीकृष्ण के कथन, "अच्छेद्योअ्यमदाह्येअ्यमक्लेद्योअ्शोष्य एव च। नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोअ्यं सनातनः"।। (...
गंगा नदी – शक्ति तरंगों का सिद्धांत, MMITGM: (22 & 23)

गंगा नदी – शक्ति तरंगों का सिद्धांत, MMITGM: (22 & 23)

MMITGM: 22 भगवान शिव से - हे भोलेनाथ! भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं (गीता-2.22) जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नये वस्त्र धारण करत...
गंगा नदी - आत्मा और परमात्मा के खेल को समझना आवश्यक है : MMITGM : (18 & 19)

गंगा नदी - आत्मा और परमात्मा के खेल को समझना आवश्यक है : MMITGM : (18 & 19)

MMITGM : (18) भगवान शिव से - हे भालेनाथ! आत्मा न तो किसी को मारती है और न ही किसी के द्वारा मारी जाती है.. (भगवान श्रीकृष्णा कहते हैं गीता-2...
गंगा नदी : जानें इग्नोरेंस ऑफ ट्रुथ के सिद्धांत को : MMITGM : (16 and 17)

गंगा नदी : जानें इग्नोरेंस ऑफ ट्रुथ के सिद्धांत को : MMITGM : (16 and 17)

शिवसे-हे भोलेनाथ! भगवान श्रीकृष्ण की उक्ति है (गीता-2.17) कि “जो सारे शरीर में व्यापत है, उसे ही तुम अविनाशी जान”, इसका अर्थ नहीं लग रहा है ...
गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता : (आंगिक समानता, अध्याय-2 एवं 3)

गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता : (आंगिक समानता, अध्याय-2 एवं 3)

गंगा का डेल्टा, मानव-शरीर के पाँव की तरह है. मानव शरीर का पाँव चौड़ा और चिमटा होता है तथा इसमें ढ़ाल बहुत कम होता है. रक्त का संचार यहाँ धीमा ...
गंगा नदी - गंगा और मानव शरीर में जीवंत समरूपता, अध्याय : 2

गंगा नदी - गंगा और मानव शरीर में जीवंत समरूपता, अध्याय : 2

आंगिक समानता गंगा का शरीर मिट्टी की विभिन्न परतों से निर्मित है, जहां एक परत दूसरे से भिन्न है. एक का कार्य एवं क्षमता दूसरे से भिन्न होने प...
गंगा नदी अपडेट - गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता

गंगा नदी अपडेट - गंगा और मानव-शरीर में जीवन्त समरूपता

प्रकृति ने ही गंगा और मानव दोनों की संरचना की है. ये अनन्त आकाश के सूक्ष्म अंशों द्वारा प्रतिष्ठित शरीर के रूप में दृश्यावलोकित होते हैं. ये...
गंगा नदी - दुर्गा माँ की मूर्ति का गंगा-प्रवाह, आदि शक्तिरूपा के हृदयस्थल में रोपण का विसर्जन, भारत की महान धर्म-परायणता क्यों?

गंगा नदी - दुर्गा माँ की मूर्ति का गंगा-प्रवाह, आदि शक्तिरूपा के हृदयस्थल में रोपण का विसर्जन, भारत की महान धर्म-परायणता क्यों?

1. दुर्गा, दुष्टसंहारिणी, की कल्पना मात्र शरीरस्थ समस्त कोशिकाओं को झंकृत करते, जमा साल-भर का दुर्गंध-युक्त मल को निकालते, उन्हें सीधा करते ...

गंगा नदी से जुड़ी समग्र नवीनतम जानकारियां

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy