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GANGA RIVER
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है समस्त जीवों व वातावरण का आधार : अध्याय 8, श्लोक 19 (गीता : 19).
Dec. 10, 2018, 5:38 p.m.
भूतग्रामः स एवायं भूत्वा भूत्वा प्रलीयते ।। रात्रागमेंअ्वशः पार्थ प्रभवत्यहरागमें ।। गीता : 8.19 ।। श्लोक का हिन्दी अर्थ : हे पार्थ! यह प्रा...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है - : बेसिन की मेड़बंदी और फ्लडप्लेन की समुचित व्यवस्था, अध्याय 8, श्लोक 25 (गीता : 25).
Dec. 10, 2018, 7:32 p.m.
धूमो रात्रिस्तथा कृष्णः षण्मासा दक्षिणायनम् ।। तत्र चान्द्रमसं ज्योतिर्योंगी प्राप्य निबर्तते ।। गीता : 8.25 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :जिस मार...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – गंगा-जल में जीवंतता की कमी का होते जाना : अध्याय 15, श्लोक 14 (गीता : 14).
Dec. 10, 2018, 5:18 p.m.
अहं वैश्वानरो भूत्वा प्राणिनां देहमाश्रिताः। प्राणापानसमायुक्तः पचाम्यन्नं चतुर्वियम् ।। गीता : 15.14 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :मैं ही सब प्रा...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है - भाव, कोशिका की व्यवस्था को सम्बोधित करता है : अध्याय 8 श्लोक 6 (गीता : 8:6).
Sept. 13, 2018, 8:19 p.m.
“यं यं वापि स्मरन्भावं त्यजत्यन्ते कलेबरम् ।। तं तमेबैति कौन्तेय सदा तद्भावभावितः” ।। गीता: 8.6 ।।भाव, कोशिका की व्यवस्था को सम्बोधित करता ह...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – गंगा जल में है ध्वनि-तरंग-अवशोषण-शक्ति: अध्याय 8 श्लोक 11 (गीता : 8:11).
Sept. 13, 2018, 8:25 p.m.
“यदक्षरं वेदविदो वदन्ति बिशन्ति यद्यतयो बीतरागाः ।। यदिच्छन्तो ब्रह्मचर्यं चरंति तत्ते पदं संग्रहेण प्रवक्ष्ये” ।। गीता: 8.11 ।। जो वेदों के...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – गंगा जल मात्र औषधि नहीं, सम्पूर्ण कोशिका व्यवस्था है: अध्याय 8 श्लोक 10 (गीता : 8:10).
Sept. 13, 2018, 8:25 p.m.
“प्रयाणकाले मनसाचलेन भक्त्या युक्तो योगबलेन चैव ।। भ्रूबोर्मध्ये प्राणमाबेश्य सम्यक् स तं परन पुरुषमुपैति दिव्यम्” ।। गीता: 8.10 ।।मृत्व के ...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – “अविचलित-भाव”, बिना जाने हो नहीं सकता : अध्याय 8 श्लोक 8 (गीता : 8:8).
Sept. 13, 2018, 8:22 p.m.
“अभ्यासयोगयुक्तेन चेतसा नान्यगामिना ।। परमं पुरुषं दिव्यं याति पार्थानुचिन्तयन्” ।। गीता: 8.8 ।।हे पार्थ! जो व्यक्ति मेरा स्मरण करने में अपन...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मेरे पंचभूतों के संतुलन की हो व्यवस्था : अध्याय 8 श्लोक 7 (गीता : 8:7).
Sept. 13, 2018, 8:21 p.m.
“तस्मात्सर्बेषु कालेषु मामनुस्मर युद्ध च ।। मय्यर्पितमनोबुद्धिर्मामेबैष्यस्यसंशयः” ।। गीता: 8.7 ।।अतएव, हे अर्जुन! तुम्हें सदैव कृष्ण रूप मे...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – “केन्द्रस्तध्यान” स्थिरता की सम्रृद्ध-तकनीक : अध्याय 8 श्लोक 9 (गीता : 8:9).
Sept. 13, 2018, 8:24 p.m.
“कवि पुराणमनुशासितारमणोरणीयांसमनुस्मरेधः ।। सर्वस्य धातारमचिन्त्यरूपमादित्यवर्णं तमसः परस्तात्” ।। गीता: 8.9 ।।मनुष्य को चाहिए कि परमपुरुष क...
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