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Ganga kehti hai
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है - समबुद्धि योग में स्थिर होना ही गंगा की सम्पूर्ण व्यवस्था की परियोजना है, अध्याय 8, श्लोक 27 (गीता : 27).
Dec. 11, 2018, 12:44 p.m.
नैते सृती पार्थ जानन्योगी मुह्यति कश्चन ।। तस्मात्सर्बेषु कालेषु योगयुक्तो भवार्जुन ।। गीता : 8.27 ।। श्लोक का हिन्दी अर्थ :हे पार्थ ! इस प्...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है - गंगा बेसिन से बालू खनन की समस्या सनातनी परम्पराओं को नष्ट कर रही है.अध्याय 8, श्लोक 26 (गीता : 26).
Dec. 11, 2018, 12:06 p.m.
शुक्लकृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते ।। एकया यात्यनावृत्तिमन्ययाबर्तते पुनः ।। गीता : 8.26 ।।श्लोक का हिन्दी में अर्थ:वैदिक मतानुसार इस स...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – बिना ज्ञान और तकनीक के जल-दोहन करना अनुचित है : अध्याय 15, श्लोक 16 (गीता : 16).
Dec. 10, 2018, 8:43 p.m.
द्वाविमों पुरुषौ लोके क्षरश्चाक्षर एव च। क्षरः सर्वानि भूतानि कूटस्थोअ्क्षर उच्यते ।। गीता : 15.16।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :इस संसार में नाशवा...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – ब्रह्मा के दिन में जीव का उत्पन्न होना और रात्रि में असहायवत् विलीन होना: अध्याय 8 श्लोक 19 (गीता: 8: 19).
Sept. 24, 2018, 12:37 p.m.
“भूतग्रामः स एवायं भूत्वा भूत्वा प्रलीयते ।। रात्रागमेंअ्वशः पार्थ प्रभवत्यहरागमें” ।। गीता: 8.19 ।। श्लोक का हिन्दी में अर्थ :हे पार्थ ! यह...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – नदियों से समन्वय स्थापित करें.अध्याय 8, श्लोक 16 (गीता : 16).
Dec. 6, 2018, 8:59 p.m.
आब्रह्मभुवनालोका: पुनराबर्तितोअर्जुन ।। मामुपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न बिद्यते : ।। गीता : 8.16 ।। श्लोक का हिन्दी में अर्थ :हे अर्जुन! ब्...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है : मेरी स्थैतिक ऊर्जा का सही आंकलन नहीं करना “नदी जल-प्रदूषण” का कारण है. अध्याय 9, श्लोक 6 (गीता : 6).
Dec. 17, 2018, 1:24 p.m.
यथाकाशास्थितो नित्यं वायुः सर्वत्रगो महान् ।। तथा सर्वाणि भूतानि मत्स्थानीत्यु-पधारय ।। गीता : 9.6 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :जैसे आकाश से उत्प...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है : विभिन्न विभागों में तालमेल का अभाव गंगा की समस्या है, अध्याय 8, श्लोक 28 (गीता : 28).
Dec. 12, 2018, 8:11 p.m.
वेदेषु यग्येशु तपःसु चैव दानेषु यत्पुण्यफलं प्रदिष्ठम् ।। अत्येति तत्सर्बमिदं विदित्वा योगी परं स्थानमुपैति चाह्यम् ।। गीता : 8.28 ।।श्लोक क...
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