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Ganga and geeta says
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है – मेरी प्राकृतिक संरचनाएं विशिष्ट हैं. अध्याय 18, श्लोक 17 (गीता : 17).
May 17, 2019, 8:50 p.m.
यस्य नाहंकृतो भावो बुद्धिर्यस्य न लिप्यते । हत्वापि स इमाँल्लोकान्न हन्ति न निवध्यते ।। गीता : 18.17 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :जो मिथ्या अहंका...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है – नदियों के समाप्त होने से संस्कृति और संस्कार भी समाप्त हो जाएंगे. अध्याय 18, श्लोक 15-16 (गीता : 15-16).
May 14, 2019, 7:26 p.m.
शरीरवांग्मनोभिर्यत्कर्मं प्रारभते नरः । न्याय्यं वा विपरीतं वा पज्चैते तस्य हेतवः ।। तत्रैवं सति कर्तारमात्मानं केवलं तु यः । पश्यत्यकृतबुद्...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है : मेरी प्रकृति ही जीव-जगत को परिभाषित और निरूपित करती है. अध्याय 9, श्लोक 9 (गीता : 9).
Dec. 18, 2018, 3:38 p.m.
न च मां तानि कर्माणि निबध्नन्ति धनज्जय ।। उदासी-नबदासीनमसक्तं तेषु कर्मसु ।। गीता : 9.9 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :हे अर्जुन ! उन कर्मों में आस...
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