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GEETA SHLOKAS
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – समन्वय के साथ मेरे शक्तिजल-धारा-प्रवाह से मिलती है मुक्ति : अध्याय 8 श्लोक 16 (गीता : 8: 16).
Sept. 19, 2018, 11:55 a.m.
“आब्रह्मभुवनालोका: पुनराबर्तितोअर्जुन ।। मामुपेत्य तु कौन्तेय पुनर्जन्म न बिद्यते:” ।। गीता : 8.16 ।। श्लोक का हिन्दी में अर्थ :हे अर्जुन ब्...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है - भाव, कोशिका की व्यवस्था को सम्बोधित करता है : अध्याय 8 श्लोक 6 (गीता : 8:6).
Sept. 13, 2018, 8:19 p.m.
“यं यं वापि स्मरन्भावं त्यजत्यन्ते कलेबरम् ।। तं तमेबैति कौन्तेय सदा तद्भावभावितः” ।। गीता: 8.6 ।।भाव, कोशिका की व्यवस्था को सम्बोधित करता ह...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – शिव की मस्तक-स्थली एवं गिरिराज-हिमालय के उच्च शिखरपर विराजमान गंगा : अध्याय 8 श्लोक 15 (गीता : 8:15).
Sept. 13, 2018, 8:28 p.m.
“मामुपेत्य पुनर्जन्म दुःखालयमशाश्वतम् ।। नाप्नुबन्ति महात्मानः संसिन्धिं परमां गताः” ।। गीता : 8.15 ।। मुझे प्राप्त करके महापुरुष, जो भक्ति-...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – नदी के “एनाटोमी-मोर्फोलोजी-जलप्रवाह-तकनीक” को जानना: अध्याय 8 श्लोक 14 (गीता : 8:14).
Sept. 13, 2018, 8:27 p.m.
“अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरित नित्यसः ।। तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनः” ।। गीता : 8.14 ।। हे अर्जुन! जो अनन्य भाव से निरंतर मेरा...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है –मेरे सत्य, त्रेता, द्वापर और कल-युग को समझो: अध्याय 8 श्लोक 17 (गीता: 8: 17).
Sept. 20, 2018, 7:34 p.m.
“सहस्त्रयुगपर्यन्तमहर्यद् ब्रह्माणों बिदुः ।। रात्रिं युगसहस्त्रान्तां तेअ्होनात्रविदो जनाः” ।। गीता : 8.17 ।। श्लोक का हिन्दी में अर्थ :मान...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – तुम्हारा “गंगा-योग” होना क्या है?: अध्याय 8 श्लोक 13 (गीता : 8:13).
Sept. 13, 2018, 8:27 p.m.
“ओमित्येकाक्षरं ब्रह्म ब्याहरन्मामनुस्मरन् ।। यः प्रयाति त्यजन्देहं स याति परमां गतिम्” ।। गीता 8.13 ।। इस योगावस्था में स्थिर होकर तथा ओंका...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मेरी आत्मा और परमात्मा की तकनीकी-समरूपता के व्यवहार को समझो: अध्याय 8 श्लोक 22 (गीता: 8: 22).
Sept. 27, 2018, 4:04 p.m.
“पुरुषः स परः पार्थ भक्त्या लभ्यस्त्वनन्यया ।। यस्यान्तः स्थानि भूतानि येन सर्वमिदं ततम्” ।। गीता: 8.22 ।। श्लोक का हिंदी में अर्थ :हे अर्जु...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – “नदी-इन्द्रियों” के समस्त द्वारों को नियंत्रित और व्यवस्थित करना: अध्याय 8 श्लोक 12 (गीता : 8:12).
Sept. 13, 2018, 8:26 p.m.
“सर्वद्वाराणि संयम्य मनो हृदि निरुध्य च ।। मूर्ध्न्यायात्मना प्राणामास्थितां योगधारणाम” ।। गीता : 8.12 ।। समस्त इन्द्रिय क्रियाओं से विरक्ति...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – गंगा जल में है ध्वनि-तरंग-अवशोषण-शक्ति: अध्याय 8 श्लोक 11 (गीता : 8:11).
Sept. 13, 2018, 8:25 p.m.
“यदक्षरं वेदविदो वदन्ति बिशन्ति यद्यतयो बीतरागाः ।। यदिच्छन्तो ब्रह्मचर्यं चरंति तत्ते पदं संग्रहेण प्रवक्ष्ये” ।। गीता: 8.11 ।। जो वेदों के...
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