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गीता श्लोक
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – तुम जैसा करोगे, वैसा ही भरोगे : अध्याय 15, श्लोक 12 (गीता : 12).
Dec. 4, 2018, 9:32 p.m.
यदादित्यगतं तेजो जगद्भासयतेअ्खिलम् । यच्चन्द्रमसि यच्चाग्नौ तत्तेजो विद्धि मामकम् ।। गीता : 15.12 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थसूर्य में स्थित जो त...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मैं परमपद को प्राप्त कराने वाली हूं : अध्याय 15, श्लोक 6 (गीता:6).
Nov. 14, 2018, 11:02 p.m.
न तद्भासयते सूर्यो न शशांको न पावकः। यद्गत्वा निर्वतन्ते तद्भाम परमं मम। गीता : 15.6।श्लोक का हिन्दी अर्थ :जिस परमपद को प्राप्त होकर मनुष्य...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – प्रकृतिस्थ होना ही ब्रह्मस्थ होना है : अध्याय 15, श्लोक 5 (गीता:5).
Nov. 13, 2018, 5:29 p.m.
निर्माणमोहा जितसंगदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृतकामाः । द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंगैर्गच्छन्त्यमूढ़ाः पदमव्ययं तत् ।। गीता : 15.5श्लोक का हि...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – ज्ञान से ही त्याग और विरक्ति शस्त्र का जन्म होता है : अध्याय 15, श्लोक 3,4 (गीता:3,4).
Nov. 11, 2018, 8:39 p.m.
न रूपमस्येह तथोप-लभ्यते नान्तो न चादिर्ण च सम्प्रतिष्ठा। अश्वत्थमेनं सुविरूढमूलमसंगशस्त्रेण दृढेन छित्वा।। ततः पदं तत्परिमार्गितव्यं यस्मिन्...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – नदी के स्वरुप को उचित रूप से जानना आवश्यक है : अध्याय 15, श्लोक 11 (गीता:11).
Nov. 30, 2018, 10:54 p.m.
यतन्तो योगिनश्चैनं पश्यन्त्यात्मन्यवस्थितम्। यतन्तोअ्ष्यकृतात्मानां नैनं पश्यन्त्यचेतसः।। गीता : 15.11।। श्लोक का हिन्दी अर्थ :आत्म-साक्षात्...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है –संतुलित नदी व्यवस्था तकनीक को जानने का प्रयास करो : अध्याय 15, श्लोक 10 (गीता:10).
Nov. 29, 2018, 12:54 p.m.
उत्क्रामन्तं स्थितं वापि भुज्जानं वा गुणान्वितम् । बिमूढा नानुपश्यन्ति पश्यन्ति ग्यानचक्षुषः ।। गीता : 15.10 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ -मूर्ख न...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मेरे संवर्धन की व्यवस्था करना आवश्यक है : अध्याय 15, श्लोक 2 (गीता:2).
Nov. 11, 2018, 8:30 p.m.
अधश्चोर्ध्वं प्रसृतास्तस्य शाखा गुणप्रबृद्धा बिषयप्रवालाः। अधश्च मूलान्यनुसन्ततानि कर्मानुबन्धीनि मनुष्यलोके।। गीता 15.2।।श्लोक का हिन्दी अर...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – तुम्हारा चरित्र ही तुम्हारा अगला जन्म है : अध्याय 14 श्लोक 15 (गीता : 14: 15).
Oct. 15, 2018, 11:14 a.m.
“रजसि प्रलयं गत्वा कर्मससंगिषु जायते । तथा प्रलीनस्तमसि मूढ़योनिषु जायते ।। गीता : 14.15”श्लोक का हिन्दी अर्थ :रजोगुण के बढ़ने पर मृत्व को प्र...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – सत्त्वगुण से संतुलन एवं स्थिरता आती है : अध्याय 14, श्लोक 18 (गीता:18).
Oct. 15, 2018, 11:19 a.m.
ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्था मध्ये तिष्ठन्ति राजसाः । जघन्यगुणवृत्तिस्था अधो गच्छन्ति तामसा: ।। गीता : 14.18 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :सत्त्वगु...
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