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गंगा अविनशी जल स्त्रोत
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मैं पीपल के वृक्ष के समान अविनाशी जलस्त्रोत हूं : अध्याय 15, श्लोक 1 (गीता:1).
Oct. 31, 2018, 10:56 p.m.
ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् । छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदबित् ।। गीता : 15.1 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ : श्री भगवान् बोले -...
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