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गंगा नदी
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – तुम जैसा करोगे, वैसा ही भरोगे : अध्याय 15, श्लोक 12 (गीता : 12).
Dec. 4, 2018, 9:32 p.m.
यदादित्यगतं तेजो जगद्भासयतेअ्खिलम् । यच्चन्द्रमसि यच्चाग्नौ तत्तेजो विद्धि मामकम् ।। गीता : 15.12 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थसूर्य में स्थित जो त...
गंगा नदी - गंगा में अवजल निस्तारण से पूर्व मॉडलिंग न करना गंगा की समस्या है : भाग - 16.
Dec. 3, 2018, 8:22 p.m.
STP से गंगा में निस्तारित अवजल के स्थान से आउटफॉल साइट के प्रदूषण के फैलाव को डायल्यूशन, डिफ्यूजन और डिसपर्सन की मॉडलिंग कर उसे नहीं समझना त...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मैं परमपद को प्राप्त कराने वाली हूं : अध्याय 15, श्लोक 6 (गीता:6).
Nov. 14, 2018, 11:02 p.m.
न तद्भासयते सूर्यो न शशांको न पावकः। यद्गत्वा निर्वतन्ते तद्भाम परमं मम। गीता : 15.6।श्लोक का हिन्दी अर्थ :जिस परमपद को प्राप्त होकर मनुष्य...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – प्रकृतिस्थ होना ही ब्रह्मस्थ होना है : अध्याय 15, श्लोक 5 (गीता:5).
Nov. 13, 2018, 5:29 p.m.
निर्माणमोहा जितसंगदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृतकामाः । द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंगैर्गच्छन्त्यमूढ़ाः पदमव्ययं तत् ।। गीता : 15.5श्लोक का हि...
गंगा नदी – नदी की आधारभूत व्यवस्था के लिये जियोमोर्फोलोजी का ज्ञान नहीं होना गंगा की समस्या है : भाग – 15.
Nov. 26, 2018, 8:02 p.m.
नदी की वक्रारिता, नदी का साँप जैसे टेढ़ा-मेढ़ा होकर चलना है, जैसे दो मानव के स्वरूप, चाल-चलन, रक्त-गुण आदि एक जैसे नहीं होते, उसी तरह समस्त नद...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – ज्ञान से ही त्याग और विरक्ति शस्त्र का जन्म होता है : अध्याय 15, श्लोक 3,4 (गीता:3,4).
Nov. 11, 2018, 8:39 p.m.
न रूपमस्येह तथोप-लभ्यते नान्तो न चादिर्ण च सम्प्रतिष्ठा। अश्वत्थमेनं सुविरूढमूलमसंगशस्त्रेण दृढेन छित्वा।। ततः पदं तत्परिमार्गितव्यं यस्मिन्...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – नदी के स्वरुप को उचित रूप से जानना आवश्यक है : अध्याय 15, श्लोक 11 (गीता:11).
Nov. 30, 2018, 10:54 p.m.
यतन्तो योगिनश्चैनं पश्यन्त्यात्मन्यवस्थितम्। यतन्तोअ्ष्यकृतात्मानां नैनं पश्यन्त्यचेतसः।। गीता : 15.11।। श्लोक का हिन्दी अर्थ :आत्म-साक्षात्...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है –संतुलित नदी व्यवस्था तकनीक को जानने का प्रयास करो : अध्याय 15, श्लोक 10 (गीता:10).
Nov. 29, 2018, 12:54 p.m.
उत्क्रामन्तं स्थितं वापि भुज्जानं वा गुणान्वितम् । बिमूढा नानुपश्यन्ति पश्यन्ति ग्यानचक्षुषः ।। गीता : 15.10 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ -मूर्ख न...
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – मेरे संवर्धन की व्यवस्था करना आवश्यक है : अध्याय 15, श्लोक 2 (गीता:2).
Nov. 11, 2018, 8:30 p.m.
अधश्चोर्ध्वं प्रसृतास्तस्य शाखा गुणप्रबृद्धा बिषयप्रवालाः। अधश्च मूलान्यनुसन्ततानि कर्मानुबन्धीनि मनुष्यलोके।। गीता 15.2।।श्लोक का हिन्दी अर...
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