The Ganges
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • Gallery
  • संपर्क

पांडू नदी – कानपुर में असंशोधित नालों के कारण मलिन होती गंगा की सहायक

  • By
  • Rakesh Prasad
  • Rinie Anand
  • Deepika Chaudhary
  • October-16-2018

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार एवं सदियों से चली आ रही संस्कृतियों की अनूठी गाथा की प्रतीक...आज अथाह प्रदूषण का दंश झेल रही है, अपने प्रवाह क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से प्रदूषित होकर अपने जीवन के लिए संघर्ष करती दिख रही है, परन्तु दावानल से निरंतर बढ़ते इस प्रदूषण का कारक है क्या? इस पर यदि गौर करें तो उत्तर इसी के मूल में छिपा मिलेगा. गंगा को विशाल और विस्तृत बनाने में सहयोगी उप-नदिकाएं, जो कि वर्तमान में घरेलू एवं औद्योगिक अपशिष्ट से मलिन अपने ड्रेनेज-तंत्र के कारण संदूषित हो रही हैं..अप्रत्यक्ष रूप से गंगा में प्रदूषण बढ़ने के सबसे प्रमुख कारणों में से हैं. इसी संदर्भ में केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा गंगा की सहायक नदियों एवं उनसे जुड़े ड्रेनेज-सिस्टम पर गहनता के साथ शोध किया गया, जिसके माध्यम से यह आंकलन किया गया कि किस प्रकार औद्योगिक एवं घरेलू सीवेज के चलते बायोकेमिकल की जद में आकर प्रदूषित होता ड्रेनेज-तंत्र गंगा नदी पर प्रदूषण का भार डाल रहा है.

पांडू नदी – कानपुर नगर में हो रही है नाले में तब्दील

ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्त्वपूर्ण पांडू नदी, जिसका नामकरण महाभारतकाल के अंतर्गत पांडवों के नाम पर किया गया था, प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद से प्रवाहित होती है. मूल रूप से इसे गंगा नदी की ही धारा माना जाता है, जिसका विलय भी अंततः गंगा में ही हो जाता है. लगभग 120 कि. मी. लम्बी यह नदी प्रदेश के पांच जिलों (फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात एवं फतेहपुर) से होकर बहती है और इन सभी जिलों में तटीय क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजीवन के अतिरिक्त यह नदी अप्रत्यक्ष रूप से भी लाखों लोगों के जीवन को पोषित करती है. कृषि में अपार सहयोग देकर इन सभी जिलों की आर्थिक व्यवस्था को पांडू नदी संतुलित एवं स्थिर बनाकर रखने में अहम भूमिका निभाती है.

परन्तु बेहद दुखद तथ्य यह है कि कानपुर नगर में प्रवेश करने के उपरांत असंशोधित औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्ट के कारण यह नदी मृतप्राय: हो गयी है. विभिन्न कल-कारखानों, घरेलू अपशिष्ट के भार को नालों के माध्यम से पांडू नदी अत्याधिक दूषित हो रही है, परिणामस्वरुप इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव गंगा नदी पर भी देखने को मिलता है, जिसमें यह नदी फतेहपुर के अंतर्गत विलीन हो जाती है. अतिक्रमण के चलते पांडू नदी सर्वाधिक प्रभावित हुई है और कई स्थानों पर तो नदी के नाम पर वास्तव में केवल नाला ही रह गया है, नतीजतन मानसून के समय यह नदी ओवरफ्लो होकर किनारे पर बसे क्षेत्रों को ग्रास बनाने लगती है और निचले स्तर के इलाके जैसे, अंबेडकर नगर, मोहनपुरवा, रविदासपुरम, गुजैनी, सचेंडी, मेहरबान सिंह का पुरवा, टिकरा, रौतेपुरस, पनकी, मायापुरम, वरुण विहार आदि डूबने लगते हैं.

पांडू नदी में शामिल होने वाले नालों की डेटाशीट

कानपुर क्षेत्र के अंतर्गत पांडू नदी में प्रमुख तौर पर पांच नालियों का निर्वहन होता है, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संयुक्त टीमों द्वारा किये गये निरीक्षण के आधार पर इन सभी नालों के प्रवाह क्षेत्र, प्रदूषण स्त्रोत, भौतिक संरचना, विस्तार इत्यादि का विवरण कर सामान्य मानकों एवं ट्रेस धातु/भारी धातु, घुलनशील पेस्टिसाइडस इत्यादि का आंकलन किया गया, जो निम्नांकित है..

1. पनकी थर्मल पावर प्लांट  ड्रेन :

पनकी थर्मल पॉवर प्लांट ड्रेन, पनकी के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में एक पक्का ड्रेन है, जो पांडू नदी से बायें किनारे पर मिलता है. लगभग 1.6 कि.मी. की लंबाई वाला यह ड्रेन प्रमुख रूप से पनकी पावर प्लांट की गर्म ‘फ्लाई एश’ पांडू नदी में गिरा रहा है, जिससे नदी जल प्रदूषण में तो स्वाभाविक रूप से वृद्धि हुई है है, साथ ही जलीय जीवन भी समाप्ति की कगार पर है, यहां तक की पांडू नदी की गहराई भी इसके कारण कम हो रही है. इसके अध्ययन से जुटाए गये प्रमाणों के आधार पर कहा जा सकता है कि पांडू नदी में सर्वाधिक बायोकेमिकल तत्त्व इस नाले के माध्यम से गिराए जा रहे हैं. 

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स 

2. आईसीआई ड्रेन :

आईसीआई नाला बायें किनारे पर पांडू नदी से मिलता है, यह लगभग 1.0 कि.मी. की लंबाई लिए हुए है तथा औद्योगिक एवं घरेलू, दोनों ही प्रकार का अपशिष्ट सीधे पांडू नदी में गिराता है. मूल रूप से यह नाला पनकी में एलएमएल इंडस्ट्री के पास से गुजरता है. आंकलन के अनुसार इसका प्रवाह 19.44 एमएलडी पाया गया.

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

3. गंदा नाला :

लगभग 13.50 कि.मी. लम्बा यह नाला पनकी इंडस्ट्रियल एरिया, गुजौनी ग्राम क्षेत्र में स्थित है, जो कि बायें किनारे पर पांडू नदी में मिलता है. 210.5 एमएलडी की प्रवाहक्षमता वाला यह नाला मुख्य रूप से घरेलू सीवेज एवं अपशिष्ट सीधे नदी में गिराता है, जिससे नदी अत्याधिक प्रदूषित हो रही है.

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

4. सीओडी नाला :

कमर्शियल ओर्डिनेन्स डिपो (सीओडी) नाला कारखानों का अपशिष्ट एवं घरेलू कचरा सीधे पांडू नदी में गिराता है. लगभग 6.2 कि.मी. लम्बा मूल रूप से यह नाला यशोदानगर, बाबुपुरवा, किदवईनगर, वाई ब्लॉक, डिफेन्स कॉलोनी आदि से मलजल लाकर नदी में प्रवाहित कर देता है. आंकड़ों के अनुसार इसका सतही वेग 78.62 एमएलडी के लगभग रहता है.

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

5. अलवा खंड नाला :

तकरीबन 6.7 कि.मी. लम्बा अलवाखंड नाला कानपुर के जरौली क्षेत्र में स्थित नाला है, जो प्रमुखत: घरेलू अपशिष्ट पांडू नदी में दायें किनारे पर गिराता है. सतही वेग के आधार पर इसका प्रवाह 40.49 एमएलडी है तथा इसे सीओडी ड्रेन में डाइवर्ट किया गया है. जांच के दौरान यह पाया गया कि यह नाला ओवरफ्लो होने के कारण पांडू नदी में गिरकर उसे संदूषित करता है.   

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

गंगा नदी...अनगिनत भारतीयों की जीवनरेखा, भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार
एवं सदियों से चली आ रही स

Refrences :

1. http://cpcb.nic.in/ngrba/Final_Approved_Drain_Report_27.03.2017.pdf

2. https://www.amarujala.com/photo-gallery/uttar-pradesh/kanpur/heavy-rainfall-and-increase-in-water-level-of-pandu-river

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

Related Tags

गंगा नदी(45) पांडू नदी(1) गंगा की सहायक नदी(1) पनकी नाला(1) सीओडी नाला(1) गंदा नाला(1) आईसीआई नाला(1) पनकी थर्मल पॉवर प्लांट(1) अलवा खंड नाला(1)

More

गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (137) : कर्म-अकर्म, क्रिया का प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया का क्रिया को बराबर समझना ज्ञान औ...
गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (136) : कर्म, अकर्म और विकर्म गीता की मानवीय ज्ञान-शक्ति के संबंध का विश्लेषण है. यही गंग...
गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (135): गंगा नदी के बालूक्षेत्र का तकनीकी उपयोग कोरोना वायरस से दूरी रखने का देश/विश्व स्त...
गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र : गंगा/नदी का बालूक्षेत्र वाराणसी सहित देश भर के कोरोना वायरस का सेनिटाइजर है. कृपया, देश रक्षार्थ इस...
Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Blog Source - Waterkeeper allianceMany people living close to the riverbanks in the Ganga Basin, including the Gomti River, believe that the...
गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

विश्व भर में कोरोना वायरस ने करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लिया हुआ है, लाखों इसके चलते दम तोड़ चुके हैं. भारत में भी कोरोना पीड़ितों की संख्य...
गंगा  नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

गंगा नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus ; MMITGM : (134) हे भोलेनाथ! गंगाजल का बैक्टीरियोफेज क्या गोमुख का जैनेटिक कैरक्टर है? और क्या यह को...
गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

नीर फाउंडेशन और पथिक सेना के नेतृत्व में मेरठ जिले के ऐतिहासिक खरकाली गंगा घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. संयुक्त रूप से चलाये गए इस स्वच...
गंगा नदी - पर्वतरूपी महादेव और प्रकृति रूपी गंगा के तत्व को जानना जरुरी है

गंगा नदी - पर्वतरूपी महादेव और प्रकृति रूपी गंगा के तत्व को जानना जरुरी है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (132) :आकाश के सहस्त्रों तारों से, संतुलित ब्रह्माण्ड के समस्त पिण्डों के कण-कण में न्यूट्र...

गंगा नदी से जुड़ी समग्र नवीनतम जानकारियां

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy