The Ganges
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क

हिंडन नदी - गाज़ियबाद में हिंडन को स्वच्छ करने का अभियान, नालों के पानी को साफ़ करने के लिए बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

  • By
  • The Ganges
  • December-24-2019
हिंडन को प्रदुषण मुक्त बनाने के लिए गाज़ियाबाद नगर निगम नया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की तैयारी कर रहा है. गौरतलब है कि गाज़ियाबाद में शहरी क्षेत्रों में पांच तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दो नाले हिंडन नदी को मैला बना रहे हैं, जिनके माध्यम से लगभग 245 एमएलडी अवजल हिंडन में सीधे बहाया जा रहा है. इन नालों में मुख्य रूप से ज्वाला, अर्थला, कैला भट्टां, इंदिरापुरम, करहेडा, डासना, प्रताप विहार और हिंडन विहार नाले शामिल हैं. इसे रोकने के लिए नगर निगम ने योजना बनायीं है, जिसके अनुसार इन सभी नालों को एक साथ मिलाया जायेगा और इनके ट्रीटमेंट के लिए नया प्लांट बनाया जायेगा, जिसकी जिम्मेदारी निगम प्रशासन ने जल निगम को सौंपी है.

गौरतलब है कि हिंडन नदी सहारनपुर जनपद से प्रारम्भ होकर गौतमबुद्धनगर जनपद में जाकर यमुना में समाहित हो जाती है. काली पश्चिम, कृष्णी, धमोला, पांवधोई, नागदेव, चाचाराव, सपोलिया, अंधाकुन्डी व स्रोती जैसी अन्य छोटी धाराएं मिलकर हिंडन की सहायक नदियां बनती हैं. उद्गम से यमुना में समाहित होने तक हिण्डन की कुल लम्बाई करीब 355 किलोमीटर है, जिस दौरान विभिन्न जिलों में गिर रहा कारखानों और सीवरेज अपशिष्ट इसे पूरी तरह प्रदूषित कर देता है. यहाँ तक कि अंत में जब यह नदी गौतमबुद्धनगर जनपद के तिलवाड़ा गांव से पश्चिम व मोमनाथल गांव से पूर्व में यमुना में मलीन होती है तो इसमें बहते हुए काले रंग के बदबूदार पानी को देखकर कोई कह नहीं सकता है कि यह एक जीवित नदी है.

हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ था कि हिंडन उत्तर प्रदेश की सबसे प्रदूषित नदियों में प्रथम है, साथ ही इसे देश की चौथी सबसे प्रदूषित नदी माना गया था. रिपोर्ट से यह भी सामने आया था कि गाज़ियाबाद, सहारनपुर और गौतमबुद्धनगर में यह नदी पूरी तरह प्रदूषित हो जाती है. इसमें बीओडी यानि बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड का भार तय मानक से 40 गुना अधिक पाया गया था. बीओडी की मानक सीमा अधिकतम 3 मिलीलीटर मानी गयी है जबकि जांच के समय यह प्रतिलीटर के हिसाब से विभिन्न स्थानों पर 48 से 120 मिलीलीटर पाया गया था.

इस रिपोर्ट के जारी होने पर एनजीटी के निर्देश पर ओवरसाइट कमिटी का गठन किया गया था, जिसके सदस्य व प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने एक बैठक करते हुए हिंडन नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अफसरों की क्लास लगाई थी. उन्होंने हिंडन नदी में जा रहे गंदे नालों को बंद करने या फिर उनका पानी साफ करने के निर्देश दिए थे और नगर निगम के अफसरों पर भी नाराजगी जताई थी. बैठक में नगर निगम गाज़ियाबाद के बहुत से अधिकारी शामिल थे, जिन्हें साफ़ तौर पर कहा गया था कि इंडस्ट्रियल वेस्ट और डोमेस्टिक वेस्ट को अलग किया जाए और प्रत्येक इंडस्ट्रियल एरिया में एक कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना भी की जानी चाहिए, जिससे हिंडन में गन्दा पानी नहीं जाए.

ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी हिंडन को साफ़ करने के उद्देश्य से गाज़ियाबाद में गिरने वाले नालों के जैविक उपचार की बात की गयी थी. प्रयागराज में बैक्टीरिया का उपयोग करके नालों की सफाई का क्रम चलाया गया था, जिसमें मिली सफलता के बाद हिंडन के लिए भी यही फार्मूला अमल में लाने की बात रखी गयी थी. गाज़ियाबाद नगर निगम ने इसके लिए जल निगम से डीपीआर तैयार कराया था, जिसमें सालाना 32 करोड़ 36 लाख रूपये के बजट से इन नालों में एनएरोबिक बैक्टीरिया डालकर सफाई करवाने की बात रखी गयी थी.

इन सभी योजनाओं पर काम होना अभी कागजी स्तर तक ही सीमित है, हो सकता है कि भविष्य में इन योजनाओं पर उचित कार्यवाही हो और हिंडन की स्वच्छता व अविरलता को लेकर ठोस कदम उठाये जाए क्योंकि हिंडन का यह मैला जल यमुना को भी प्रदूषित कर रहा है. देश की मुख्य नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए सहायक नदियों का साफ़ होना बेहद आवश्यक है और यह तथ्य सरकारी प्रशासन को भी सोचना होगा.

Ad

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

गंगा नदी अपडेट - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

गंगा नदी अपडेट - ग्लेशियर पर बढ़ते दबाव से कांपती है धरती, दरकते हैं पहाड़ और नदियों का वेग होता है एकाएक तीव्र

हिमालय पर्वत, जिसे लूज रॉक की संज्ञा भी दी जा सकती है, एक ऊंची ढाल का सेडिमेंट्री पहाड़ है। यानि ग्लेशियर पर बढ़ता दबाव हिमालयी क्षेत्र में छो...
गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (137) : कर्म-अकर्म, क्रिया का प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया का क्रिया को बराबर समझना ज्ञान औ...
गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (136) : कर्म, अकर्म और विकर्म गीता की मानवीय ज्ञान-शक्ति के संबंध का विश्लेषण है. यही गंग...
गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (135): गंगा नदी के बालूक्षेत्र का तकनीकी उपयोग कोरोना वायरस से दूरी रखने का देश/विश्व स्त...
गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र : गंगा/नदी का बालूक्षेत्र वाराणसी सहित देश भर के कोरोना वायरस का सेनिटाइजर है. कृपया, देश रक्षार्थ इस...
Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Blog Source - Waterkeeper allianceMany people living close to the riverbanks in the Ganga Basin, including the Gomti River, believe that the...
गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

विश्व भर में कोरोना वायरस ने करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लिया हुआ है, लाखों इसके चलते दम तोड़ चुके हैं. भारत में भी कोरोना पीड़ितों की संख्य...
गंगा  नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

गंगा नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus ; MMITGM : (134) हे भोलेनाथ! गंगाजल का बैक्टीरियोफेज क्या गोमुख का जैनेटिक कैरक्टर है? और क्या यह को...
गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

नीर फाउंडेशन और पथिक सेना के नेतृत्व में मेरठ जिले के ऐतिहासिक खरकाली गंगा घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. संयुक्त रूप से चलाये गए इस स्वच...

गंगा नदी से जुड़ी समग्र नवीनतम जानकारियां

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy