(1) संसार में सभ्यता-संस्कृति की उत्पत्ति का कारण, बड़ी-नदी किनारे के समस्त पुराने बड़े शहरों का नदी के नदोत्तर किनारे पर जल के नजदीक उपजाऊ मिट्टी पर अवस्थित होना ही हैं.
(2).(i) नदी का ऊँचा नदोत्तर किनारा (ii) उपजाऊ-उपयोगी मिट्टी, जल-अवशोशन की शक्ति (cm/sec) (iii) नजदीक में जल, गहराई में वेग (cm/sec) न्यून : इन्हीं तीन शक्तियों पर प्रतिष्ठित सभ्यता और संस्कृति को नहीं समझना ही विभिन्न प्रकार के प्रदूषण का कारण है.
(3) बड़े नदी के नदोत्तर किनारे पर अवस्थित शहर, यथा वाराणसी के ऊपर, नीचे और सामने के उन्नदोत्तर किनारे का बालूक्षेत्र 8-12 मी. के अन्तर पर तीनों हैं. इनके उपयोग से अवजल को, जल-ढ़ाल, हाइड्रौलिक-ग्रेडियेन्ट के तहत शहर से बालू-क्षेत्र में ग्रेविटी-फोर्स से निस्तारित किया जा सकता है.
(4) बालू-क्षेत्र के समुचित, संतुलित स्थान पर, उसके ढ़ाल ओर ग्रेड-साइज-डिस्ट्रीब्यूशन के आधार पर STP के स्थान का चयन करने की आवश्यकता होगी.
(5) STP से बालूक्षेत्र में चैनल और आउटफॉल-साइट आदि के डिजाइन की आवश्यकता होगी. इसकी उपलब्धियां, शहर की विभिन्न समस्याओं का निदान, इसमें खर्च की न्यूनता, कार्य करने की सरलता, इसका स्थायित्व आदि के विषय में आगें जानिये.
1. River is a vital
Natural Energy System.
2. This is the Most Precious National Wealth.
3. River demands Cell-level Management.
4. Technology of Management must be based on the Nature of the River.