गंगा नदी की सहायक नदी के रूप में जानी जाने वाली रामगंगा नदी भारत की प्राचीनतम नदियों में से एक है. लगभग 600 किलोमीटर लम्बी इस नदी का उद्गम स्थल लघु हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से माना जाता है. इतिहास में इस नदी को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. स्कन्दपुराण के मानखण्ड में इसका ‘रथवाहिनी’ तो मध्यकालीन मुस्लिम साहित्यकारों ने इसका ‘राहिब’ नाम से उल्लेख किया है. रामगंगा नदी भारत के दो राज्यों उत्तर- प्रदेश व उत्तराखण्ड में बहती है. अपने 600 किलोमीटर के सफर में यह नदी मुख्य रूप से बरेली, मुरादाबाद, बदायूं, हरदोई, कन्नौज, रामपुर आदि शहरों से होकर गुजरती है. अन्त में हरदोई के सवायजपुर में यह गंगा नदी में समाहित हो जाती है,
इस सफर में रामगंगा नदी में सिर्फ उसकी जलधारा नहीं बहती है, बल्कि साथ बहते हैं जहरीले और अपशिष्ट पदार्थ, जो कि मार्ग में कई नालों के इस नदी में गिरने के कारण इसमें मिल जाते हैं और स्वच्छ, निर्मल जल का बहाव करने वाली रामगंगा नदी को दूषित कर देते हैं. चूंकि यह नदी सीधे जाकर गंगा नदी में विलीन हो जाती है तो दूसरी सहायक नदियों की तरह इसमें मिलने वाले नाले अप्रत्यक्ष रूप से पवित्र गंगा नदी के जल को दूषित कर रहे हैं.
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार रामगंगा नदी में विभिन्न शहरों के 25 नाले गिरते हैं. जोकि इसमें प्रतिदिन 728 मिलियन लीटर दूषित पानी बहाते हैं, जिसमें कि 41.12 टीडीपी अपशिष्ट पदार्थ पाया जाता है. इस बोर्ड की संयुक्त टीमों द्वारा इन सभी नालों की तथा इनमें पाये जाने वाले हानिकारक तत्वों की जांच की, तो उसमें निम्नांकित तथ्य सामने आये –
1. नोहरा या नालिया नाला – धामपुर और बिजनौर में बहने वाला यह नाला अपने क्षेत्र में बहते हुए रामगंगा नदी में जाकर गिर जाता है. जोकि अपने साथ प्रतिदिन 15 मिलियन लीटर गंदा पानी प्रवाहित करता है. यह नाला बांये किनारे पर रामगंगा नदी से मिलता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 3 मि.ग्रा./ लीटर है. यह नाला औद्योगिक अपशिष्ट के साथ-साथ घरेलू कूड़ा-कचरा भी रामगंगा नदी में प्रवाहित करता है.
2. रामपुर नाला - रामगंगा नदी के सफर में यह नाला रामपुर जिले में इसमें मिलता है. जो कि प्रतिदिन 34 मिलियन लीटर गंदा पानी इस नदी में ले जाकर गिराता है.लगभग
30 किलोमीटर लम्बा यह नाला कोसी नदी में मिलकर बांये किनारे से रामगंगा नदी में
मिलता है. यह उद्योगों की अशोधित गंदगी, केमिकल्स व घरेलू अपशिष्ट के जहरीले मिश्रण को नदी में प्रभावित करता है. रामपुर नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 58 मि.ग्रा./ लीटर है.
3. मुरादाबाद या करूला नाला - यह नाला भी रामपुर में ही रामगंगा नदी में मिलता है, जो कि अपने साथ घरेलू अपशिष्ट प्रवाहित करता है. यह नाला प्रतिदिन 57 मिलियन लीटर दूषित पानी नदी में गिराता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 44 मि.ग्रा./लीटर है. यह नाला बांये किनारे पर रामगंगा नदी से
मिलता है.
4. नवाबपुर नाला प्रथम - रामपुर में ही रामगंगा नदी में गिरने वाले इस नाले में घरों से निकलने वाले गदंगी समाहित रहती है. यह नाला प्रतिदिन 18.14 मिलियन लीटर अशोधित जल नदी में ले जाकर गिराता है, जो कि बांये किनारे पर रामगंगा नदी से
मिलता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 131 मि.ग्रा./लीटर है.
5. नवाबपुर नाला द्वितीय - रामपुर का यह नाला भी नवाबपुर प्रथम नाले की तरह तुलनात्मक रूप से कम मात्रा में किन्तु हानिकारक घरेलू अपशिष्ट को नदी में गिराता है. जो कि बांये किनारे पर रामगंगा नदी से मिलता है.
यह नाला प्रतिदिन 131 मिलियन लीटर गंदे पानी को प्रवाहित करते हुए नदी में मिलाता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 193 मि.ग्रा./ लीटर है.
6. विवेकानन्द हॉस्पिटल नाला (लेफ्ट) - यह नाला रामपुर स्थित विवेकानंद हॉस्पिटल के लेफ्ट से बहते हुए रामगंगा नदी में जाकर मिल जाता है. लगभग 2 किलोमीटर लम्बा यह नाला बांये किनारे
पर इस नदी में मिलता है. यह अपने साथ प्रतिदिन 0.11 मिलियन लीटर पानी (घरों की गंदगी, सीवेज और कूड़ा- कचरा युक्त) इस नदी में ले जाता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग बाकि नालों की तुलना में सर्वाधिक 317 मि.ग्रा./ लीटर है.
7. विवेकानन्द हॉस्पिटल नाला ( राइट ) - यह नाला भी लेफ्ट नाले की ही भांति विवेकानंद हॉस्पिटल, रामपुर के दाहिनी ओर से बहते हुए रामगंगा नदी में समाहित हो जाता है. इस
नाले की लम्बाई भी 2 किलोमीटर है तथा यह भी बांये किनारे पर इस नदी में मिलता है. यह प्रतिदिन 7.96 मिलियन लीटर दूषित पानी रामगंगा नदी में गिराता है, जोकि पूर्वी नाले की तुलना में काफी अधिक है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 19 मि.ग्रा./ लीटर है.
8. एमआइटी नाला - एमआइटी नाले को स्टेडियम नाले के नाम से भी जानते हैं. लगभग 2 किलोमीटर लम्बा यह नाला प्रतिदिन 18.36 मिलिटन लीटर जहरीला पानी रामगंगा नदी में गिराता है, जिसका
स्त्रोत मुरादाबाद से आने वाला घरेलू अपशिष्ट व सीवेज है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 107 मि.ग्रा./ लीटर है.
9. मोक्ष धाम नाला - रामपुर जिले मोक्ष धाम नामक स्थान पर बहने वाला यह नाला 15.75 मिलियन लीटर दूषित पानी प्रतिदिन रामगंगा नदी में प्रवाहित करता है. काली नदी में मिलने से पहले इसकी लम्बाई
लगभग 3 किलोमीटर है, जो कि काली नदी में मिलने के बाद बांये किनारे पर रामगंगा नदी
में मिलता है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 68 मि.ग्रा/ लीटर है.
10. टीडीआई सीटी ड्रेन - लगभग 2 किलोमीटर लम्बा यह नाला भी काली नदी
में मिलने के बाद बांये किनारे पर रामगंगा नदी में मिलता है. यह भी रामपुर जिले में ही रामगंगा नदी में जाकर गिरता है. यह प्रतिदिन 4.84 मिलियन लीटर घरेलू अपशिष्ट तरल के रूप में इस नदी में मिला देता है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 72 मि.ग्रा./ लीटर है.
11. चक्कर की मिलक नाला ( मुकरमपुर) – मुकरमपुर, रामपुर के चक्कर की मिलक नामक स्थान पर बहने वाला यह नाला अपेक्षाकृत कम मात्रा में अपशिष्ट पदार्थों को रामगंगा नदी में प्रवाहित करता है. इसकी लम्बाई 1 किलोमीटर है. यह प्रतिदिन 1.04 मिलियन लीटर दूषित जल इस नदी में ले जाकर गिराता है तथा इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 148 मि.ग्रा / लीटर है.
12. जिगर कॉलोनी नाला - जिगर कॉलोनी नाला भी रामपुर में इस नदी से मिलता है. यह नाला प्रतिदिन 11.41 मिलियन लीटर गंदा पानी रामगंगा नदी में गिराता है.
लगभग 2 किलोमीटर यह नाला भी बांये किनारे पर रामगंगा नदी में मिलता है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 236 मि.ग्रा./ लीटर है. यह घरेलू गंदगी के साथ- साथ औद्योगिक अपशिष्ट को भी इस नदी में ले जाता है.
13. कटघर रेलवे स्टेशन नाला - रामपुर में रामगंगा नदी को दूषित करने में कटघर रेलवे स्टेशन के पास बहने वाले इस नाले का भी योगदान है. रामगंगा
नदी में मिलने से पहले इस नाले की लम्बाई 3 किलोमीटर है. यह नाला इतना अधिक दूषित व ठोस अपशिष्ट से युक्त है, कि इसे मापना भी संभव नहीं है. हालांकि इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 173 मि.ग्रा./लीटर है. इस नाले में स्टेशन के आस- पास के उद्योगों से निकलने वाला गंदा पानी, हानिकारक पदार्थ, केमिकल व घरों की गंदगी आकर गिरती है, जिसे यह आगे चलकर रामगंगा नदी में मिला देता है.
14. बार्बलन नाला - आगे के सफर में रामपुर से निकलने के बाद बार्बलन नामक नाला मुरादाबाद शहर में रामगंगा नदी में मिलता है, जोकि अपने साथ अशोधित औद्योगिक व घरेलू अपशिष्ट प्रवाहित करते हुए रामगंगा नदी में ले जाता है. 1.5 किलोमीटर लम्बा यह नाला बांये किनारे
पर रामगंगा नदी से मिलता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 178 मि.ग्रा./लीटर है.
15. कूड़ाघर नाला - अपने मान के अनुसार यह नाला बड़ी मात्रा में कूड़ा-कचरा से युक्त है. इसकी लम्बाई लगभग 3 किलोमीटर है. रामगंगा नदी अपने मार्ग में बहते हुए मुरादाबाद में इस नाले में मिल जाती है. जिसकी वजह से प्रतिदिन 11.70 मिलियन लीटर की दर से नदी को दूषित करने वाला कचरा रामगंगा नदी में मिल जाता है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 186 मि.ग्रा/ लीटर है.
16. जामा मस्जिद लेफ्ट नाला - मुरादाबाद में जामा मस्जिद के निकट बांयी ओर से बहने वाला यह नाला अत्याधिक दूषित है. 3 किलोमीटर लम्बा यह नाला भी बांये किनारे पर
रामगंगा नदी से मिलता है. साथ ही कटघर रेलवे स्टेशन नाले की भांति इसमें भी ठोस (औद्योगिक और घरेलू) अपशिष्ट की मात्रा इतनी अधिक है कि इसकी मात्रा को मापा संभव नहीं है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 108 मि.ग्रा./ लीटर है.
17. जामा मस्जिद राइट नाला - जामा मस्जिद के ही दाहिनी ओर बहने वाला यह नाला घरों के कचरे, मल-मूत्र को अपने साथ बहाता है, जिसे आगे जाकर रामगंगा नदी में गिरा देता है.
इसकी लम्बाई महज 1 किलोमीटर है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 180 मि.ग्रा./ लीटर है.
18. घोसियां नाला – 2 किलोमीटर लम्बा यह नाला
बांये किनारे पर रामगंगा नदी से मिलता है. मुरादाबाद में बहने वाला घरेलू गंदगी व अपशिष्ट पदार्थों से युक्त घोसियां नाला नवाबपुर
के पास रामगंगा नदी में अपना दूषित जल गिराता है. यह प्रतिदिन 6.50 मिलियन लीटर तरल अपशिष्ट नदी में प्रवाहित करता है तथा इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 1.70 मि.ग्रा./ लीटर है.
19. झब्बू का नाला - यह नाला भी मुरादाबाद में ही रामगंगा नदी में मिलता है. इसकी लम्बाई लगभग 2 किलोमीटर है. यह नाला प्रतिदिन 20.70 मिलियन लीटर दूषित पानी को रामगंगा नदी में ले जाता है. इस नाले रासायनिक ऑक्सीजन मांग 165 मि.ग्रा./लीटर है.
20. लालबाग नाला - मुरादाबाद के लालबाग में बहने वाला यह नाला तुलनात्मक रूप से कम किन्तु हानिकारक घरेलू अपशिष्ट को रामगंगा नदी में प्रवाहित करता है. यह नाला 3 किलोमीटर लम्बा है और प्रतिदिन 4.90 मिलियन लीटर गंदा पानी इस नदी में ले जाता है. इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 267 मि.ग्रा./लीटर है.
21. दहेरिया नाला - इसे दतेरिया नाले के नाम से भी जानते हैं. यह नाला भी मुरादाबाद में ही बहता है,
जो कि 3 किलोमीटर लम्बा है. यह प्रतिदिन 20.40 मिलियन लीटर दूषित पानी रामगंगा नदी में गिराता है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 192 मि.ग्रा./लीटर है.
22. प्रभात नगर नाला - यह नाला मुरादाबाद की चंदौसी रोड़ के पास प्रभात नगर में बहता है. पहले से ही अत्याधिक दूषित इस नाले में कटघर रेलवे स्टेशन नाला भी मिल जाता है. दोनों नालों में काफी अधिक मात्रा में ठोस अपशिष्ट पाया जाता है, जिसके कारण इसके बहाव को मापना मुश्किल है. इस नाले में आस- पास के उद्योगों व घरों से निकलने वाली गंदगी आकर मिलती है.
23. देवरनिया नाला (रिवर क्लब) - नदी से नाला का रूप ले चुकी यह दूषित नदी रामगंगा नदी के बरेली, अलीगढ़ और कन्नौज जिले के बीच के सफर में इसमें आकर मिलता है.इसकी लम्बाई करीब 130 किलोमीटर है. यह प्रतिदिन काफी अधिक मात्रा में 287 मिलिटन लीटर दूषित पानी प्रवाहित करता है तथा इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 40 मि.ग्रा./ लीटर है. यह नाला काफी लम्बा है, जिसमें कई क्षेत्रों के उद्योगों और घरों से निकलने वाले अपशिष्ट व अशोधित पदार्थ समाहित रहते हैं.
24. चावरी नाला - यह नाला बरेली, अलीगढ़ और कन्नोज से होकर बहता है तथा रामगंगा नदी में मिल जाता है.
लगभग 20 किलोमीटर लम्बा यह नाला बांये किनारे पर रामगंगा नदी से मिलता है, जो कि
इसमें प्रतिदिन 19 मिलियन लीटर घरेलू तरल अपशिष्ट प्रवाहित करता है. इस नाले की रासायनिक ऑक्सीजन मांग 26 मि.ग्रा./ लीटर है.
25. नकटिया नाला - कभी नदी के रूप में जाना जाने वाला यह नाला प्रदूषण के कारण पूरी तरह से एक नाले के रूप में तब्दील हो चुका है.
इसकी लम्बाई 100 किलोमीटर है. यह भी बरेली, अलीगढ़ और कन्नोज तीनों जिलों में बहता है और इसी दौरान रामगंगा नदी में आकर मिल जाता है. यह नाला प्रतिदिन 170 मिलियन लीटर पानी प्रवाहित करता है तथा इसकी रासायनिक ऑक्सीजन मांग 24 मि.ग्रा./लीटर है.
Refrences :
1. http://cpcb.nic.in/ngrba/Final_Approved_Drain_Report_27.03.2017.pdf
2. http://nihroorkee.gov.in/Gangakosh/tributaries/ramganga.htm