सततं कीर्तयन्तो मां यतन्तश्च दृढब्रताः ।। नमस्यन्तश्च मां भक्त्या नित्ययुक्ता उपासते ।। गीता : 9.14 ।।
श्लोक का हिन्दी अर्थ :
वे दृढ़ निश्चय वाले भक्तजन निरंतर मेरे नाम और गुणों का कीर्तन करते हुए तथा मेरी प्राप्ति के लिए यत्न करते हुए और मुझ को बार-बार प्रणाम करते हुए सदा मेरे ध्यान में युक्त हो कर अनन्य प्रेम से मेरी उपासना करते हैं.
श्लोक की वैज्ञानिकता :
सततं कीर्तयन्तो निरंतर नाम गुणों का कीर्तन व्यवस्थित और रेखांकिक कोशिकाओं से ध्वनि-तरंगों को वायुमंडलीय विभिन्न तरंगो के आयाम आवृति सहित अनेक चरित्रों को नये स्वरूप में व्यवस्थित कर शक्ति-संचार करना होता है. ध्वनि निस्तारण निरंतरता की सावधानी के कारण केन्द्रस्थ रहते कोशिका के कम्पन को अधिनस्त रखना पड़ता है इसीलिए भजन करना शरीर कम्पन्न को निर्धारित कर आयाम और आवृत्ति में रखते हुए केन्द्रस्थ होना है.
यही है बार-बार प्रणाम करना कोशिका को रेखांकिक कर के केन्द्रस्त होते हुए शक्तियुक्त होना और शक्ति युक्त होने की निरंतरता ही उपासना है.
गंगा कहती है :
दृढ़ निश्चय वालों के द्वारा समर्पित भजन-कीर्तन-प्रणाम-ध्यान और समस्त उपासनाओं को मैं आनंदित हो ग्रहण करती हूँ. योगी राज तैलंगस्वामी ने दूध पीने की इच्छा की तो मैंने दूध की धारा बहा दी. महान भक्त मैथिली कवि विद्यापति ने मृत्यु सजा पर मुझे स्मरण किया, तो मैं अपनी मौलिक धारा को छोड़ उनके पास दौड़े हुए आयी. पंडितराज जगन्नाथ के हरेक श्लोक से मैं सीढ़ी-दर-सीढ़ी चढ़ती गयी. क्या इन सबको तुम इतिहास और झूठ मानते हो? सुनों जैसे जापान के एक वैज्ञानिक ने विभिन्न बर्तनों में बारी-बारी से जल लेकर उन्हें विभिन्न “ध्वनि-तरंगें” सुनायी, उन्हें अयनित
किया और पाया कि उनकी मोलीक्युलस व्यवस्था ध्वनि तरंगों के चरित्रों से परिभाषित होती है. यह वैज्ञानिक ने सत्यापित कर दिखाया है कि जल को गाली देने पर और प्रार्थना करने पर उनके मोलीक्युलस व्यवस्था क्रमशः विकृत और पुष्पित होते हैं. इस विधि से तुम हमारे विभिन्न स्थानों के जल का परीक्षण करो और समझो तुमने क्या किया है और क्या करने वाले हो. यही कारण था, हमारी समस्त लम्बाई की दूरी में तीर्थस्थान है, जो जल-प्रदूषण-नियंत्रण अपने विभिन्न मांगलिक कार्यों से किया करते हैं, यह है भारत का समृद्ध आचरण. नदियों को माँ मानना, उन्हें भजन कीर्तन सुनाना, उन्हें प्रेम देकर उनसे शक्ति लेना. यही है, महान भारत के अपने महान चरित्र का हनन होना, यह महान चिन्तनीय विषय है.