धृत्या यया धारयते मनःप्राणेन्द्रियक्रियाः।योगेनाव्यभिचारिण्या धृतिः सा पार्थ सात्त्विकी ।। गीता : 18.33 ।।
श्लोक का हिन्दी
अर्थ :
हे पार्थ ! जिस
अव्यभिचारिणी धारण शक्ति से मनुष्य
ध्यान योग द्वारा मन, प्राण और इन्द्रियों की क्रियाओं को धारण करता है, वह धृति सात्विकी
है.
श्लोक की वैज्ञानिकता
:
धृति धारण व्यवस्थित करना,
शक्ति सम्पन्न होना है. सात्विकी केन्द्र पर संकलित और संघनित शक्ति तरंगों की
प्रवाह को वैसा होना कि शक्ति क्षय न्यूनतम हो, सात्विकी कहलाता है. यही है,
स्थायी और शक्तिशाली चुम्बक जैसा केन्द्र की ओर खींचने की शक्ति का होना. अतः शरीर
की कोशिका की वह व्यवस्था जिससे केन्द्र पर के ध्यान की एकाग्रता से सांस स्थिरता
और समरूपता को प्राप्त करते मन और इन्द्रियों को नियंत्रित करले वह सात्विकी धृति
कहलाता है. यह पूर्ण शक्ति सम्पन्नता का द्योतक है.
6 (41) गीता (18.33)
का ज्ञान, भारत का पुननिर्माण और प्रधानमंत्री
श्रीनरेन्द्र मोदी के सात्विकी धृति का योगदान.
ध्यान योग भारत का ज्ञान योग
है. आत्म शक्ति यहाँ की प्राण वायु है. देवों, महर्षियों, ऋषियों का यह देश
केन्द्रस्थ महान आत्म शक्ति की स्थिरता से और इसकी चहुंमुखी तेजपुंज की समतुल्य
प्रवाह से धनधान्य सम्पन्न सदा से विश्व का शांति केन्द्र रहने वाला अस्थिर अशांति
सागर में तैर रहा है. इस शांति विश्व केन्द्र की स्थिरता तभी होगी जब इस केन्द्र
के केन्द्र के केंद्र में प्रवल केन्द्र हो. यही है भारत के केंद्र में अवस्थित
स्थित प्रग्य नरेन्द्र मोदी के हृदयस्थ प्रबल ब्रह्म अवधारणा को होना. श्री
नरेंद्र मोदी की यही ब्रह्म शक्ति देश के कम्पायमान मन रूपी समस्त विनष्टकारी
इन्द्रिय उत्तेजनाओं को शांति प्राण वायु रूप प्रशासन से दमन कर सकती है. यही होगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सात्विकी धृति.
गंगा कहती है :
मेरी सात्विकी धृति, मेरे प्राण वायु का चलना, मेरे जल में ऑक्सीजन की कहीं और कभी की न्यूनतम माप 8-10 पी.पी.एम की अनिवार्यता है. यही परिभाषित करता है, मेरी मन स्थिति मेरी टर्बुलेन्स को और यही परिभाषित करता मेरे इन्द्रिय कार्यकलापों को बेसीन फ्लड प्लेन बैंक बेड और इनमें और इनसे हो रहे भूजल और सतही जल के साथ मृदा, बालू, प्रदूषक आदि के प्रवाह को अतः मैं प्राण मन व इन्द्रियों को वायु टर्बुलेन्स और अन्य क्रियाओं को धारण करने वाली हूँ. इनकी संतुलंता ही मेरी सात्विकी धृति है. यही है, मेरी निर्मलता का आधार मेरी अविरलता.