The Ganges
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • Gallery
  • संपर्क

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है – नदी प्रबन्धन तकनीक की जानकारी होना ही सात्विकी ज्ञान है. अध्याय 18, श्लोक 19-20 (गीता : 19-20)

  • By
  • U.K. Choudhary
  • May-21-2019
ज्ञानं कर्मं च कर्ता च त्रिधैव गुणभेदतः । प्रोच्यते गुणसंख्याने यथावच्छृणु तान्यपि ।। सर्वभूतेषु येनैकं भावमव्ययमीक्षते । अविभक्तं विभक्तेषु तज्ग्यानं विद्धि सात्त्विकम् ।। गीता : 18.19-20 ।।

श्लोक का हिन्दी अर्थ :

गुणों की संख्या करने वाले शास्त्र में ज्ञान और कर्म तथा कर्ता गुणों के भेद से तीन-तीन प्रकार के कहे गये है. उनको भी तू मुझसे भली-भांति सुन. जिस ज्ञान से मनुष्य पृथक-पृथक सब भूतों में एक अविनाशी परमात्मा को विभाग रहित समभाव से स्थित देखता है. उस ज्ञान को तो तू सात्विक जान.

श्लोक की वैज्ञानिकता :

एक परमात्मा विभाग रहित समभाव में स्थित समस्त पदार्थों के एटम के केन्द्र में एक ही तरह के न्यूट्रॉन पाए जाते हैं की व्याख्या करता है. इनकी संख्या अलग-अलग होती है पर न्यूट्रॉन के आकार-प्रकार एक ही होते है. इसी तरह आत्मा को परिभाषित करने वाला, प्रोट्रान  भी हरेक पदार्थों के एटम में एक ही तरह का होता. इस सूक्ष्म दृष्टि से विभिन्न जीवों के शरीरस्थ एक ही आत्मा और परमात्मा को प्रोट्रान और न्यूट्रॉन जैसा देखना ही है ‘आत्मवत् सर्वभूतेषु’  समस्त जीव को एक भाव से देखना, किसी के साथ राग-द्वेष से शक्ति का क्षय नहीं. यही है संसार को ‘ब्रह्ममय’ समझते आनंदानंद में रहना ही सात्विक ज्ञान.

(29) स्थित-प्रग्य भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पराकाष्ठा के त्यागी हैं?

गीता (5.29) में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मेरा भक्त मुझ को सब यज्ञ और तपों का भोगने वाला सम्पूर्ण लोगों के ईश्वरों का भी इश्वर तथा सम्पूर्ण भूत-प्राणियों का स्वार्थ रहित दयालु और प्रेमी ऐसा तत्व से जान सब कुछ मुझे समर्पित कर शांति को प्राप्त होता है. कवि कहता है कि नित्य-प्रति जगजननी माँ को पत्र लिखने से मुझे अलौकिक मौन-संवाद की अनुभूति होती थी. आत्मा की सघन अनुभूतियों के जरिए माँ से सीधा संवाद होता. तीस साल पुराने ऐसे ढेर सारे संवादों का चिट्ठा है, जिसमें मेरे भाव विश्व की अनुभूति है. मैं डायरी के शक्ल में रोज के इन संवादों को लिखने के कुछ दिन बाद उन्हें बारी-बारी से आग के हवाले कर देता. अग्नि की शरण में जाने वाले ऐसे भाव पत्रों की संख्या शायद सैकड़ों मे हो. वर्षों तक जगजननी माँ से संवाद के तौर पर लिखी ये कविताएं भी अग्नि की समिधा बन जाती, होम हो जाती अगर सुरेश भाई इन्हें जबरन अपने पास न ले गये होते. आन्तरिक वेदना की अभिव्यक्ति माँ से करके उनको अग्नि में स्वाहा कर देना, समर्पण को समर्पित करना, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पराकाष्ठा के त्यागी होने का प्रमाण है.

गंगा कहती है :

मुझसे या मुझमें सात्विक त्याग रूप ज्ञान मेरे प्रवाह शक्ति को, मेरे मिट्टी-बालू की मौलिक गुण शक्ति को समझ कर ही किए जाने की आवश्यकता है. यह त्याग मुझसे जल दोहन के रूप में करवाया जाए या अवजल को मुझमें विसर्जित किया जाए. यदि मेरा जल दोहन हो तो, यह कहाँ से कितना और कैसे, उसी तरह यदि मुझ में मल-जल विसर्जन या STP का निर्माण तो वह कहाँ और कैसे? इन सब का तकनीकी ज्ञान ही ‘सात्विक ज्ञान’ हैं.

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

Related Tags

River conservation(0) GANGA RIVER(18) GANGA POLLUTION(7) Ganga and geeta(4)

More

गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

गंगा नदी - वैश्विक प्रकृति और गंगा नदी के अत्याधिक दोहन का परिणाम है कोरोना वायरस

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (137) : कर्म-अकर्म, क्रिया का प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया का क्रिया को बराबर समझना ज्ञान औ...
गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

गंगा नदी – गंगा के बैक्टेरियोफेज की कर्मशक्ति को नहीं समझ पाना कोरोना जैसी आपदाओं का द्योतक है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (136) : कर्म, अकर्म और विकर्म गीता की मानवीय ज्ञान-शक्ति के संबंध का विश्लेषण है. यही गंग...
गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

गंगा नदी : गंगा के बालू क्षेत्र का तकनीकी तौर पर एसटीपी के रूप में प्रयोग गंगा जल का संरक्षण करेगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (135): गंगा नदी के बालूक्षेत्र का तकनीकी उपयोग कोरोना वायरस से दूरी रखने का देश/विश्व स्त...
गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

गंगा नदी के बालूक्षेत्र को एसटीपी के रूप में उपयोग करने और गंगाजल को संरक्षित करने को लेकर भारत सरकार को पत्र

प्रधानमंत्री, भारत सरकार को पत्र : गंगा/नदी का बालूक्षेत्र वाराणसी सहित देश भर के कोरोना वायरस का सेनिटाइजर है. कृपया, देश रक्षार्थ इस...
Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Lock down & improvement in River water Quality - Only a temporary reprieve

Blog Source - Waterkeeper allianceMany people living close to the riverbanks in the Ganga Basin, including the Gomti River, believe that the...
गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

गंगा नदी - औषधीय गुणों से भरपूर गंगाजल करेगा प्राकृतिक सैनिटाइजर का काम

विश्व भर में कोरोना वायरस ने करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लिया हुआ है, लाखों इसके चलते दम तोड़ चुके हैं. भारत में भी कोरोना पीड़ितों की संख्य...
गंगा  नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

गंगा नदी - कोरोना वायरस को मात देने के लिए गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज का उत्तम उपयोग करना होगा और गंगा के प्रवाह को संरक्षित करना होगा

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus ; MMITGM : (134) हे भोलेनाथ! गंगाजल का बैक्टीरियोफेज क्या गोमुख का जैनेटिक कैरक्टर है? और क्या यह को...
गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

गंगा नदी - पर्यावरण प्रेमियों की कड़ी मेहनत से चमका खरकाली गंगा घाट

नीर फाउंडेशन और पथिक सेना के नेतृत्व में मेरठ जिले के ऐतिहासिक खरकाली गंगा घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. संयुक्त रूप से चलाये गए इस स्वच...
गंगा नदी - पर्वतरूपी महादेव और प्रकृति रूपी गंगा के तत्व को जानना जरुरी है

गंगा नदी - पर्वतरूपी महादेव और प्रकृति रूपी गंगा के तत्व को जानना जरुरी है

केन्द्रस्थ : Catching hold of Nucleus : MMITGM : (132) :आकाश के सहस्त्रों तारों से, संतुलित ब्रह्माण्ड के समस्त पिण्डों के कण-कण में न्यूट्र...

गंगा नदी से जुड़ी समग्र नवीनतम जानकारियां

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy