यथा स्वप्नं भयं शोकं विषादं मदमेव च । न विमुच्चति दुर्मेधा धृतिः सा पार्थ तामसी ।। गीता : 18.35 ।।
श्लोक का हिन्दी
अर्थ :
हे पार्थ ! दुष्ट
बुद्धिवाला मनुष्य जिस धारणा शक्ति के द्वारा
निद्रा, भय, चिंता और दुःख को तथा उन्माद को भी नहीं छोड़ता अर्थात धारण किए रहता
है. यह धारण शक्ति तामसी है.
श्लोक की वैज्ञानिकता
:
दुष्ट बुद्धि वाला मनुष्य
वह होता है, जो शरीरस्थ शक्ति केंद्र का ज्ञान और उस पर ध्यान रखते शक्ति को
संरक्षित करने के महत्व को नहीं समझता. इसी अज्ञानता के कारण वह आत्मस्त , केन्द्रस्थ नहीं हो पाता और उसकी कोशिकायें
अव्यवस्थित रहते ज्यादा कम्पायमान होती और वह निद्रा भय, चिंता, दुःख आदि रोगों
से ग्रसित रहता :
6.(43) : गीता (18.35
) का ज्ञान प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रिमंडल के निर्माण में ‘तमस-धृति’ वालों पर कड़ा ध्यान तभी मोह और उन्मत्तता वालों से देश को
होगा और तभी होगा भारत का
कल्याण.
वंशवाद, जातिवाद, भाई-भतीजावाद,
भाषावाद आदि भूत में देश को गर्त्त में धकेलने का मूल कारक रहा है. इसके अतिरिक्त
धन का, पद का प्रतिष्ठा आदि का मोह और धन, सुन्दरता, विद्या, सेक्सुअलिटी इलेक्शन में ज्यादा वोट पाने आदि के घमंडी व्यक्तियों
ने देश को बड़ी क्षति पहुँचायी है. इसीलिए सम्पूर्णता से सर्वप्रथम मंत्री या अन्य
राजनीतिक पदों के अभ्यार्थियों को उनके इन्द्रिय भोगों की लोलुपता तथा अन्य
चारित्रिक गुणों के साथ उनके आधारभूत शैक्षणिक योग्यता को ध्यान में रखते हुए, उनकी धन-सम्पत्ति का इसके स्त्रोत का पूर्ण गुप्त रूप से सर्वेक्षण कराए जाने की
आवश्यकता है. यह होनी चाहिए मंत्रीमंडल के कार्यभार सौंपे जाने वाले व्यक्ति के
चयन की तकनीक. उपरोक्त बिन्दुओं पर ध्यान रखने के उपरांत उनके कार्यों का समय-समय
पर मूल्यांकन करवाए जाने की आवश्यकता है. यह तकनीकी मंत्रीमंडल की स्थिरावस्था को
कायम कर सकती है. अतः मंत्रीमंडल का निर्माण काफी गम्भीर मुद्दा प्रधानमंत्री के
ऊपर है. देश आशा करता है कि श्री नरेंद्र मोदी पूर्ण प्रभूत्व सम्पन्न स्थिर सरकार
देश को दे सकेंगे.
गंगा कहती है :
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने तुम्हारे जीवन का जो उद्देश्य सुख शांति मुक्ति बतलाया है वह मैं तुम्हें प्रदान करने आयी हूँ और तुम...? तुम्हारी ‘तमो-धृति’ कल्पना रूपी स्वप्न प्रज्वलित प्रचंड इच्छा विभिन्नता से उत्तेजित मोह और अनेकानेक उन्मत्ताएं के ही परिणाम हैं. मेरी सूखती व सिमटती मैली-कुचैली व दुर्गंध करती काला जल का होना और जगह-जगह पर मेरे सम्पूर्ण पेट में फैला हुआ, ट्यूमर, पथरी, बालू का बना पहाड़. तुम्हारे पेट का छोटा सा गोला क्या करता ? तुम्हारे ब्लड-सर्कुलेशन को बढ़ाते तुम्हारे हार्ट-अटैक का कारण होता, मेरा ? अतः तुम महान ‘तमस-धृति’ हो.