काशी में गंगा घाट पर मनाये जाने वाली देव दीपावली लाखों लोगों की आत्मीय उमंग, श्रद्धा-प्रेम, ध्यान, स्नान इत्यादि से ओत-प्रोत तथा भारत के अद्भुत परम्परागत एवं नैसर्गिकता से परिपूर्ण आत्मशक्ति प्रदायक आनन्ददायक सामाजिक आचरण है. यह अखंड भारत की धार्मिक आधारशिला है. इसका संरक्षण अस्सी घाट पर भगवानपुर STP के बगल में भी नहीं हो पाना और काले, दुर्गंधयुक्त गंगा-जल में लोगों का स्नान करना गंगा की समस्या है.
समस्त STP गंगा के नदोत्तर किनारे में अवस्थित हैं, जो अवजल का निस्तारण न्यून जल वेग के क्षेत्र में करते हुए जल-वेग को घटाते हुए और विलगाव क्षेत्र का निर्माण करते हुए अवजल के ठोस पदार्थ को जंक्शन पर जमा करते हुए न्यून-वेग से स्नान क्षेत्र में किनारे-किनारे फैलाते हैं. अस्सी घाट से आगे प्रदूषित भू-जल का रिसाव और छोटे-छोटे सतही स्त्रोतों का रिसाव निरंतर होता रहता है. इस समस्या का आधारभूत कारण सीवर-सिस्टम का गलत ढ़ाल का होना है. इसका समाधान आधारभूत होने के कारण होना असम्भव है. अतः नये और पुराने STP का आउटफॉल-साइट का डिजाइन सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है.