गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - मैं मनुष्य की भावना के अनुरूप सहायता या प्रतिक्रिया प्रस्तुत करती हूँ. अध्याय 9, श्लोक 29 (गीता : 29). Jan. 4, 2019, 6:55 p.m.
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है : मेरे नैसर्गिक जलगुण को संरक्षित करना जीवन उद्देश्य की पूर्ति का कृतार्थ होना है. अध्याय 15, श्लोक 20 (गीता : 20). Dec. 21, 2018, 2:14 p.m.
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है : नदियों का मात्र वंदन नहीं, उचित संरक्षण भी करो. अध्याय 9, श्लोक 14 (गीता : 14). Dec. 21, 2018, 2:10 p.m.