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गंगा की शक्तियां
गंगा नदी और गीता - गंगा कहती है – भोग-वासनाओं के लिए मेरी शक्तियों को व्यर्थ मत करो : अध्याय 15, श्लोक 9 (गीता:9).
Nov. 23, 2018, 11:37 p.m.
श्रोत्रं चक्षुः स्पर्शनं च रसनं घ्राणमेव च। अधिष्ठाय मनश्चायं बिषयानुपसेवते ।। गीता : 15.9श्लोक का हिन्दी अर्थ :जिस प्रकार दूसरा स्थूल शरीर ...
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