The Ganges

  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क

गंगा नदी - तीन-ढलान सिद्धांत के क्रियान्वन हेतु गंगा पुनरोद्धार मंत्री श्री नितिन गडकरी जी को पत्र

  • By
  • U.K. Choudhary
  • September-27-2018

    आदरणीय 
    परिवहन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्री
    श्री नितिन गडकरी जी 
    भारत-सरकार 
    नई- दिल्ली
    विषय : आपका वक्तव्य “गंगा के कायाकल्प के लिये 18000 करोड़ रुपये की लागत से सात-राज्यों में 115 STP का निर्माण होगा”
    महाशय,
    सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट मुख्यत: अवजल के, अधिकतम 70-80% कार्बनिक-भार को व्यवस्थित करने की क्षमता रखती है. जैविक, अकार्बनिक एवम् अन्य भारों को व्यवस्थित करने की क्षमता इसमें नहीं के बराबर होती है, जो वायू और मृदा प्रदूषण का भी कारण होता है. इन प्रदूषकों को गंगा का बालूक्षेत्र, कम-दूरी और समय में, व्यवस्थित करने की क्षमता रखती है. अत: इन समस्याओं के निदान के लिये,  STP का स्थान गंगा के बालूक्षेत्र में होना, समस्त तकनीक के दृष्टिकोण से आवश्यक है. यह बालू क्षेत्र किसी भी स्थान पर तीन दिशाओं में अवस्थित रहता है. अत: STP किसी भी उपयुक्त दिशा के सेंड-बेड से जोड़ा / अवस्थित रखा जा सकता है. उदाहरण के लिये; वाराणसी के ऊत्तर, दक्षिण और पूरब में सेन्डबेड है. गंगा के  किनारे के सभी शहरों के तीन भाग में बालू-क्षेत्र हैं और विदित हो कि महाकुम्भ, प्रयाग-राज के 4-5 करोड़ लोगों के मल-जल की व्यवस्था वहाँ का बालूक्षेत्र ही करता है. अत: बालूक्षेत्र का STP गंगा के प्रदूषण की समस्या का निराकरण बालू के गुण के अतिरिक्त, सौर्य-ऊर्जा का, रिक्त-स्थान के कारण वायू-ऊर्जा का, जमीन में ढ़ाल होने के कारण “हाइड्रौलिक-ग्रेडियेन्ट” का, बालू क्षेत्र के पास बेग ज्यादा होने के कारण गतिज-ऊर्जा का उपयोग एक साथ कर सकता है. इनके साथ ही यह मरूभूमि-स्थिर-क्षेत्र है, अत: STP के लिये आवासीय शहरी मूल्यवान जमीन का उपयोग नहीं होगा और शहर के लोग प्रदूषण का शिकार नहीं होंगें, जैसा कि वाराणसी में, भगवानपुर, दीनापुर आदि के लोग, चर्म-रोग और अन्य रोगों का शिकार हो रहे हैं और गोईठरवाँ और रमणा के लोग होगें. प्रदूषण नियंत्रण की यह व्यवस्था “तीन-ढ़लान का सिद्धान्त” के नाम से जाना जाता है. महाशय वर्तमान में , वाराणसी से लगभग 450 एम.एल.डी (मिलियन ली.प्रति दिन), 4.5 क्यूबिक मी/ सें अवजल गंगा में निस्तरित होता है. इसके लिए मात्र 0.45 वर्ग कि. मी. बालू-क्षेत्र की आवश्यकता होगी. इस तरह से एक बालू-क्षेत्र की क्षमता  जरूरत से 72 गुणा ज्यादा है. स्मरण रहे, जब वाराणसी में गंगाजल स्तर, आर.एल. 61. मी. से  होता तो गंगा का डाइल्यूशन-फैक्टर 25000 गुणा बढ जाता है. अत: RL. 61 मी. के बाद STP की कोई आवश्यकता नहीं होती है.
    अत: श्रीमान से निवेदन है कि STP का निर्माण बालूक्षेत्र में करवाने की कृपा करें. महामना मालवीय इन्स्टीट्यूट् ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर द गंगा-मैनेजमेंट, MMITGM, इसकी तकनीक दे सकती है.
    निवेदक
    प्रो. उदयकान्त चौधरी 
    पूर्व विभागाध्यक्ष, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आई. आई.टी., बी. एच.यू  संस्थापक निदेशक, MMITGM, B-36/21 C-6 ब्रह्मानन्द एक्शटेंन्शन-1
    दूर्गा कुण्ड , वाराणसी
    मो. 9415201883
    इ-मेल : mmitgm@gmail.com
    आदरणीय परिवहन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्री श्री नितिन गडकरी जी भारत-सरकार नई-

कमेंट या फीडबैक छोड़ें

गंगा नदी – गीता सार की वैज्ञानिकता से गंगा की समस्याओं को समझने का उपक्रम.

गंगा नदी – गीता सार की वैज्ञानिकता से गंगा की समस्याओं को समझने का उपक्रम. रिसर्च

धर्म ही ज्ञान, भक्ति, शक्ति, शांति और आनंद है. इसका क्षरण ही व्यक्ति, परिवार, समाज, देश और संसार में अशांति का कारण है. यह धर्म इस कलिकाल म...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - माइक्रो और मैक्रो डैम सिस्टम में अन्तर को समझना आवश्यक है. अध्याय 16, श्लोक 9 (गीता : 9)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - माइक्रो और मैक्रो डैम सिस्टम में अन्तर को समझना आवश्यक है. अध्याय 16, श्लोक 9 (गीता : 9) रिसर्च

एतां दूष्टिमवष्टभ्य नष्टात्मानोअ्ल्पबुद्धयः । प्रभवन्त्युग्रकर्माणः क्षयाय जगतोअ्हिता ।। गीता : 16.9 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :इस मिथ्या ज्ञान...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है. अध्याय 9, श्लोक 32 (गीता : 32)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है. अध्याय 9, श्लोक 32 (गीता : 32) रिसर्च

मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येअ्पि स्युः पापयोनयः ।। स्त्रियो वैश्यस्तथा शूद्रास्तेअ्पि यान्ति परां गतिम् ।। गीता : 9.32 ।।श्लोक का हिन्दी अर्...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - तुम्हारी रक्षा करना ही मेरा उद्देश्य है. अध्याय 9, श्लोक 31 (गीता : 31)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - तुम्हारी रक्षा करना ही मेरा उद्देश्य है. अध्याय 9, श्लोक 31 (गीता : 31) रिसर्च

क्षिप्रं भवति धर्मात्मा शाश्वच्छान्ति निगच्छति ।। कौन्तेय प्रतिजानीहि न में भक्तः प्रणश्यति ।। गीता : 9.31 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :वह शीघ्र ...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - विशेषज्ञों की राय से ही किया जाये नदी संरक्षण कार्य. अध्याय 9, श्लोक 30 (गीता : 30)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - विशेषज्ञों की राय से ही किया जाये नदी संरक्षण कार्य. अध्याय 9, श्लोक 30 (गीता : 30) रिसर्च

अपि चेत्सुदुराचारो भजते मामनन्यभाक् ।। साधुरेव स मनतब्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः ।। गीता : 9.30 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :अगर कोई दुराचारी से दुर...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - मैं मनुष्य की भावना के अनुरूप सहायता या प्रतिक्रिया प्रस्तुत करती हूँ. अध्याय 9, श्लोक 29 (गीता : 29)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - मैं मनुष्य की भावना के अनुरूप सहायता या प्रतिक्रिया प्रस्तुत करती हूँ. अध्याय 9, श्लोक 29 (गीता : 29) रिसर्च

समोअ्हं सर्वभूतेषु न मे द्वष्योअ्स्ति न प्रियः ।। ये भजन्ति तु मां भक्त्या मयि ते तेषु चाप्यहम् ।। गीता : 9.29 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :मैं स...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - समस्त कार्यों को मैं कर्म बंधन मुक्त मानती हूँ, अध्याय 9, श्लोक 28 (गीता : 28)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - समस्त कार्यों को मैं कर्म बंधन मुक्त मानती हूँ, अध्याय 9, श्लोक 28 (गीता : 28) रिसर्च

शुभाशुभफलैरेवं मोक्ष्यसे कर्मबन्धनैः ।। सन्यासयोगयुक्तात्मा बिमुक्तो मामुपैष्सयसि ।। गीता : 9.28 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :इस प्रकार, जिसमें स...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - गंगाजल संरक्षण के लाभ को समझो. अध्याय 9, श्लोक 27 (गीता : 27)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - गंगाजल संरक्षण के लाभ को समझो. अध्याय 9, श्लोक 27 (गीता : 27) रिसर्च

यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत् ।। यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम् ।। गीता : 9.27 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :हे अर्जुन ! तू जो कर्...
गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - पृथ्वी पर मात्र गंगा एकमात्र जल नहीं, अमृत की धारा है. अध्याय 16, श्लोक 8 (गीता : 8)

गंगा नदी और गीता – गंगा कहती है - पृथ्वी पर मात्र गंगा एकमात्र जल नहीं, अमृत की धारा है. अध्याय 16, श्लोक 8 (गीता : 8) रिसर्च

असत्यमप्रतिष्ठं ते जगदाहुरनीश्वरम् । अपरस्परसम्भूतं किमन्यत्कामहैतुकम् ।। गीता : 16.8 ।।श्लोक का हिन्दी अर्थ :वे आसुरी प्रकृति वाले कहा करते...

गंगा नदी से जुड़ी समग्र नवीनतम जानकारियां

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy