प्रकृति स्वामवष्टभ्य बिसृजामि पुनः पुनः ।। भूतग्राममिमं कृत्स्नमवशं प्रकृतेर्वशात् ।। गीता : 9.8 ।।
श्लोक का हिन्दी अर्थ :
अपनी प्रकृति को अंगीकार करके स्वभाव के बल से परतन्त्र हुए इस सम्पूर्ण भूत समदाय को बार-बार उनके कर्मों के अनुसार रचता हूँ.
श्लोक की वैज्ञानिकता :
प्रकृति-स्वामवष्टभ्य प्रकृति में मेरा निजी प्रवेश करके “विसृजामि” उत्पन्न करता हूँ, पुनःपुनः, बारम्बार उनके कर्मों के अनुसार, यही है कार्य के अविनाशी सिद्धान्त को प्रकृति द्वारा सम्पादित किया जाना. जैसा तुम कार्य करोगे वह अतिसूक्ष्म रूप से कोशिका-व्यवस्था के रूपांतरण से जैसे मधुमक्खी पराग-सुगंध ले जाती है, ऐसे ही तुम्हारे साथ सदा के लिये हो जाता है. यह स्तर है, तुम्हारी कोशिका के संवेदनशीलता की. यही है प्रकृति द्वारा तुम्हारे हर कार्य का परिणाम. शरीर-छोड़ने के उपरांत भी तुम्हारे साथ इतना गम्भीर है, तुम्हारा विचार और कार्य. जहाँ जाओगे, हमें पाओगे. अतः कल्प के अन्त तक ही नहीं दूसरे कल्प में भी तुम्हारे पहले कल्प की इच्छा तुम्हारे साथ हो जायेगी. यही है इच्छा तुम्हें अनन्त समय तक खाक करते रहने वाली तुम्हारी सबसे बड़ी दुशमन.
गंगा कहती है :
मेरी प्रकृति और तुम्हारा समस्त स्वभाव विचार, कर्म के बीच प्रतिक्रियायें होने के तहत ही कड़ीबद्ध क्रिया-प्रतिक्रिया हुआ करता है. हमारे शरीर की जगह और समय से बदलते भौतिक-परारूप
को समझना आवश्यक है. मेरे इस स्वभाव को किसी भी सांख्यिकी समीकरण से आज तक न कोई परिभाषित कर सका है और न कर सकेगा. यह उसी दिन संभव हो सकेगा जिस दिन तुम्हारे शरीर के क्रियाकलाप का गणित का मॉडल बन जायेगा. अतः तुम हमारी आकृति विज्ञान, ऊर्जा समारोह तथा समस्या के हल की जगह समय व
कार्यों को समझो. यह तब तक तुम नहीं समझ पाओगें जब तक स्थान की
विशिष्ट समस्याओं को व्यक्तिगत रूप से
संभाला नहीं जायेगा, इसीलिए हमारे लिये तकनीकी संस्था का होना आवश्यक है. यह आधारभूत रूप से क्षेत्रीय समस्या का निदान कम खर्च में करेगा और वर्तमान में संबंधित लोगों को ट्रेनिंग देगा तथा भविष्य के लिये नदी विशेषज्ञय तैयार करेगा. यह अत्यधिक खर्चा नहीं होने के उपरांत भी तुम भटकते फिरते हो और समस्याओं के निदान नहीं होने के कारण मेरा शरीर गलती, पचती, सूखती चिमटी होकर नाली में परिवर्तित हो अन्त को ओर बढ़ता जा रहा है. अतः यह होने वाली भारत के गंगा की राम कथा और गंगा के कल्प
को बदलने के तेजी से बढ़ते कदम को रोको.